Book Title: Arhat Vachan 2011 10 Author(s): Anupam Jain Publisher: Kundkund Gyanpith Indore View full book textPage 6
________________ 1994 - 5-6 सितम्बर 1994 को गोपाचल कार्यशाला का आयोजन कर डॉ. टी.व्ही.जी. शास्त्री (हैदराबाद) के निर्देशन में गोपाचल पर्वत (ग्वालियर) पर विकीर्ण पुरासम्पदा के अभिलेखीकरण (Documentation) कार्य के विश्लेषण, मूल्यांकन, विस्तृत सर्वेक्षण तथा आख्या का सम्पादन कार्य प्रारम्भ । फलश्रुति में 1997 में The Jain Sanctuaries of Fortress of Gwalior का प्रकाशन । 1995 - 22.02.95 को देवी अहिल्या वि.वि. के तत्कालीन कुलपति प्रो. ए.ए. अब्बासी द्वारा ज्ञानपीठ को शोध केन्द्र की मान्यता प्रदान करने की घोषणा। मान्यता एवं शोध कार्य सतत जारी। 4-17 दिसम्बर 95 तक प्राकृत विद्या शिक्षण प्रशिक्षण शिविर का सफल आयोजन। 1996 - क्षु. जिनेन्द्र वर्णी स्मृति व्याख्यानमाला का 17-05-96 को शुभारम्भ, अब तक 07 व्याख्यान आयोजित । क्रम जारी। गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी का कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ में 11-12 मार्च 1996 को शुभागमन, अद्यतन अनेकों प्रमुख संतों का शुभागमन । 1997 - जैन विद्या संगोष्ठी का 28-29 जून 1997 को आयोजन, डॉ. उदयचंद जैन एवं आचार्य गोपीलाल अमर पुरस्कृत | The Jain Sanctuaries of Fortress of Gwalior का प्रकाशन । 1998 - श्री सूरजमल बोबरा के सौजन्य से जैन इतिहास के क्षेत्र में श्रेष्ठ शोधकार्य हेतु ज्ञानोदय पुरस्कार की स्थापना । पुरस्कार राशि 11000/- एवं शाल, श्रीफल तथा प्रशस्ति अब तक 9 विद्वान पुरस्कृत । 19.12.98 को 8 कुलपतियों का एक साथ कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ में शुभागमन । 1999 - श्री सत्श्रुत प्रभावना ट्रस्ट, भावनगर के साथ मिलकर प्रकाशित जैन साहित्य एवं अप्रकाशित जैन ग्रंथों के सूचीकरण की महत्वाकांक्षी योजना का शुभारम्भ । संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज का विशाल संघ सहित कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ में शुभागमन। 2000 - 28-29 मार्च 2000 को भगवान ऋषभदेव संगोष्ठी का आयोजन, श्री नरेश पाठक द्वारा सृजित 'मध्यप्रदेश का जैन शिल्प' शीर्षक कृति का प्रकाशन । 2001 - ज्ञानपीठ में सिरि भूवलय परियोजना प्रारम्भ । समानान्तर रूप से प्रकाशित जैन साहित्य तथा जैन पांडुलिपियों के सूचीकरण का कार्य भी प्रगति पर । 2002 - इस शोध केन्द्र से प्रो. पुरुषोत्तम दुबे के निर्देशन में पंजीयत होकर शोधकार्य करने वाली डॉ. अनुपमा छाजेड को 'जैन रामायणों में राम का स्वरूप' विषय पर Ph.D. उपाधि प्राप्त । 2003 - राष्ट्रीय अभिलेखागार - संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर को म.प्र. एवं महाराष्ट्र हेतु नोडल एजेन्सी मनोनीत किया गया। अर्हत् वचन, 23 (4), 2011Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 102