Book Title: Apbhramsa Rachna Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

View full book text
Previous | Next

Page 196
________________ नपुंसकलिंग - एत (यह) एकवचन बहुवचन एइ प्रथमा द्वितीया तृतीया [चतुर्थी व [षष्ठी एतहिं, एताहिं, एतेहिं एत, एता एतह, एताहं एतें, एतेण, एतेणं एत, एता एतसु, एतासु एतहो, एताहो, एतस्सु एतहां, एताहां एतहिं, एताहिं पंचमी सप्तमी एतहु, एताई एतहिं, एताहिं स्त्रीलिंग - एता (यह) एकवचन बहुवचन प्रथमा द्वितीया तृतीया चतुथीं व एताए, एतए एता, एत एताहे, एतहे एताहिं, एतहिं एता, एत एताहु, एतहु (षष्ठी पंचमी सप्तमी एताहे, एतहे एताहिं, एतहिं एताहु, एतहु एताहिं, एतहिं अपभ्रंश रचना सौरभ 177 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246