Book Title: Apbhramsa Rachna Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 221
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org 202 अपभ्रंश रचना सौरभ पुल्लिंग नपुंसकलिंग स्त्रीलिंग देव - अ हे, हे आहे हुहु-आ कमल - अ हे, हे आहे हु, हु-आहु कहा - आ Me हे - अहे हरि խո हे हे - ईहे वारि - इ हे हे हि मइ - इ हे हे - ई पंचमी एकवचन गामणी - ई हे - इहे लच्छी हे - इहे साहु-उ Ac हे - ऊहे मह - उ me हे-ऊहे धेणु - उ हे - ऊहे सयंभू - ऊ हे हे - उहे बहू - ऊ हे - उहे

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