Book Title: Apbhramsa Rachna Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 243
________________ क्र.सं. क्रिया अक/सक 179 अक 48 & BE 180 अर्थ लुढ़कना लेना सोना, लोटना लालच करना सक 110 181 अक 56 182 अक . 183 चाहना सक 118 . 184 प्रणाम करना सक 118 वज्ज जाना सक 118 186 वड्ढ बढना अक 187 वण्ण सक 110 वर्णन करना बधाई देना 188 वद्धाव सक 110 189 वम वमन करना अक 190 मुड़ना अक 191 वस बसना अक 192 वह सक 110 193 विअस अक 56 194 विज्ज अक 57 195 सय धारण करना खिलना उपस्थित होना सोना सींचना सिद्ध होना सीखना अक 196 सिंच सक 110 197 सिज्झ अक 56 198 सक 118 सीख सुक्क 199 अक 48 200 सक 201 सूखना सुनना स्मरण करना सेवा करना शोभना विक 109 202 सक 110 203 अक 48 204 मारना सक | 110 224 अपभ्रंश रचना सौरभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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