Book Title: Apbhramsa Rachna Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 222
________________ पंचमी बहुवचन Jain Education International अपभ्रंश रचना सौरभ देव - अ हरि - इ गामणी - ई साहु - उ सयंभू - ऊ . .60/ hoy हुं-आहुं हुं-ईहुं हुं-इहुं हुं-ऊहुं हुं-उहुं 6 नपुंसकलिंग कमल - अ इ . वारि - इ महु - उ For Private & Personal Use Only हुं-आहुं हु-ईहुं हुं-ऊहुं स्त्रीलिंग कहा - आ मइ - इ 4r लच्छी - ई धेणु - उ बहू - ऊ हु-अहु हु-ईहु हु-इहु हु हु हु-उहु www.jainelibrary.org 203

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