Book Title: Apbhramsa Rachna Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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दु, दो, बे (तीनों लिंगों में)
प्रथमा द्वितीया तृतीया चतुर्थी
बहुवचन दुवे, दोण्णि, दुण्णि, वेण्णि, विण्णि, दो, बे दुवे, दोण्णि, दुण्णि, वेण्णि, विण्णि, दो, बे दोहि, दोहिं, दोहिँ, वेहि, वेहिं, वेहिं
दोण्ह, दोण्हं, दुण्ह, दुण्हं, वेण्ह, वेण्हं, विण्ह, विण्हं
षष्ठी पंचमी
दुत्तो, दुओ, दोउ, दोहिन्तो, दोसुन्तो, वित्तो वेओ, वेउ, वेहिन्तो दोसु, दोसुं, वेसु, वेसुं
सप्तमी
तिण्ण (तीनों लिंगों में)
बहुवचन तिण्णि
प्रथमा
तिण्णि
द्वितीया तृतीया चतुर्थी
तीहि, तीहि, तीहि
तीण्ह, तीण्हं
षष्ठी पंचमी सप्तमी
तित्तो, तीआ, तीउ, तीहिन्तो, तीसुन्तो तीसु, तीसुं
188
अपभ्रंश रचना सौरभ
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