Book Title: Apbhramsa Bharti 1990 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka, Chhotelal Sharma
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

View full book text
Previous | Next

Page 4
________________ विषय-सूची क्र.सं. विषय लेखक पृ. सं. सम्पादकीय प्रकाशकीय डॉ. त्रिलोकीनाथ प्रेमी अपभ्रंश के प्रादि कवि स्वयंभू जगत में जीव अकेला महाकवि स्वयंभू डॉ. कैलाशनाथ टण्डन महाकवि स्वयंभूदेव की भाषा में प्रयुक्त स्वर-ध्वनियों का विवेचन जरा न जरी कारक-विधान महाकवि स्वयंभू डॉ. रामबरन पाठक सुश्री प्रीति जैन 'पउमचरिउ' पर आधारित संधि-विधान स्वयंभू और पक्ष-विचार ___एउ ण जाणहो एक्कु पर डॉ. छोटेलाल शर्मा महाकवि स्वयंभू डॉ. कमलचन्द सोगाणी पउमचरिउ का एक प्रसंग व्याकरणिक विश्लेषण स्वयंभू-भाषा-शब्द-सम्पदा सीलु जे मण्डणउ पउमचरिउ के काव्यचित्र प्रो. कैलाशचन्द्र भाटिया महाकवि स्वयंभू डॉ. सुषमा शर्मा डॉ. जे. एस. कुसुमगीता महाकवि स्वयंभू डॉ. कमलचन्द सोगारणी पउमचरिउ में बिंब विश्वास करो अपभ्रंश रचना सौरभ सहयोगी लेखक

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 128