Book Title: Apaschim Tirthankar Mahavira Part 01
Author(s): Akhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh Bikaner
Publisher: Akhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh

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Page 3
________________ समर्पण श्रमण संस्कृति की प्रतिनिधि धारा साधुमार्ग में ज्योतिर्धर, क्रांतदर्शी और शांतक्रान्ति के सूत्रधार आचार्यों की ज्योतिरत्न मालिका में वर्तमान शासननायक, जिनशासन प्रद्योतक, वीरवाल प्रतिबोधक, मेरे परम आराध्य, अविचल आस्था के केन्द्र "आचार्य प्रवर 1008 श्री रामलालजी महाराज सा. को सादर समर्पित -साध्वी विपुलाश्री

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