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अनुसन्धान-६२
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श्रीसौभाग्यसागरसूरिजी विशे अनुसन्धान-६१मां पत्र-५५ 'श्रीज्ञानविमलसूरिप्रणीता प्रसादपत्री'मां श्लोक १३मां श्रीसौभाग्यसागरसूरिजी नाम छे. आ सम्बन्धे आ पत्रना परिचयमां (अनु. ६१ - पृ. 46) अम लखायुं छे के "पोते (-ज्ञानविमलसूरि) स्तम्भतीर्थमां छे, त्यारे साथे सौभाग्यसागरसूरि नामक आचार्य पण त्यां छे तेवी सूचना पद्य १३थी मळे छे."
आ सम्बन्धे अक वधु माहिती मळी छे. 'जैन संस्कृत साहित्यनो इतिहास' - खण्ड २ - प्रकरण २८, पृ. २०४ पर शोभनस्तुतिनी अक टीकानो परिचय आम अपायो छे : "आ सौभाग्यसागरसूरिनी रचना छे अने अनुं संशोधन, ज्ञानविमलसूरिओ, वि.सं. १७७८मां कर्यु छे. आ. सौभाग्यसागरसूरि आनन्दविमलसूरिना सन्तानीय ज्ञानविमलसूरिना पट्टधर थाय छे."
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