Book Title: Anusandhan 2013 09 SrNo 62
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 131
________________ १२४ आ वेदना छे, विरोध नहि शी. ता. २९ जून '१३ना वर्तमानपत्रोमा एक समाचार छपाया हता, जेनुं शीर्षक (Heading) आ प्रमाणे हतुं : " एल. डी. इन्डोलोजीमां संग्रहीत ६१६ वर्ष प्राचीन 'शान्तिनाथ चरित्र 'नी हस्तप्रतने युनेस्कोए वैश्विक सम्पत्ति जाहेर करी". पेटाशीर्षक आ प्रमाणे छे : " चांदीनी शाहीथी लखायेली हस्तप्रत ई.स. १९६१मां मुनि पुण्यविजयजीए एल. डी. इन्डोलोजीने भेटमां आपी हती : हस्तप्रत ज्ञानोत्सव कार्यक्रम बाद जाहेर जनता माटे दर्शनार्थे रखाशे." आ वृत्तान्तनी वधु विगतो तेमां आपेल छे, जेमां एक विगत आम छे : "युनेस्को द्वारा विश्वनां राष्ट्रो पासेथी दुर्लभ दस्तावेजोनी माहिती मंगाववामां आवे छे, जेने 'मेमरी ऑफ वर्ल्ड प्रोग्राम' तरीके ओळखाय छे. आ प्रक्रिया दर बे वर्षे एकवार थाय छे. वर्ष २०१२मां भारत सरकारना सांस्कृतिक मन्त्रालये एल. डी. इन्डोलोजी खातेनी विक्रम संवत् १४५३नी शान्तिनाथ चरित्रनी आ हस्तप्रत मोकली हती. भारत सरकार द्वारा आ हस्तप्रत उपरांत अन्य त्रण कृतिओ ऋग्वेद, छिति - उपनिषद् अने तुझुक- ए- असफिया एम कुल चार कृतिओ मोकली हती. तेमांथी संस्कृत भाषामां रचायेला आ ग्रन्थने मेमरी ऑफ वर्ल्ड तरीके जाहेर करी. ( गुजरात समाचार, २९ जून, २०१३) 11 अनुसन्धान- ६२ पहेली नजरे ज हरख उपजावे तेवा आ समाचार छे. जैन आचार्यनी एक जैन रचना, तेनी जैन भण्डारगत हस्तप्रति, ते पण सचित्र, तेनुं आवुं गौरव विश्व- कक्षाए थाय, तो तेनो हर्ष कोईने पण थाय, थवो जोईए. Jain Education International आ बहाने आ प्रतिने अने हस्तप्रतलेखनविद्या साथे संकळायेली विविध बाबतोने लोको जाणवा मथशे, जाणतां थशे. आ प्रत आज लगी बंध तिजोरीमां पूराई रहेती, तेनां दर्शन करवानो आपणने पण लाभ मळशे. आ प्रतनी सुरक्षा तथा आनुषङ्गिक अभ्यास वगेरे माटे हवे L. D. ना संचालको ज नहि, परन्तु भारत सरकार तेमज युनेस्को (तेनी हेरिटेज कमिटी) पण ध्यान आपशे, अनुदान आपशे. ए रीते, आ प्रतना मिषे L. D. ना समग्र संग्रहने पण For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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