Book Title: Anusandhan 1997 00 SrNo 09
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 4
________________ 44 'अनुसन्धान" अनियतकालिक पत्रिका छे. ए मात्र स्वाध्यायना प्रयोजनथी ज प्रकाशित थाय छे, तेथी तेने समयनुं के लवाजमनुं के तेवुं अन्य बन्धन परवडे तेम नथी. सम्पादकीय "अनुसन्धान" गुजरातीमां छतां तेनी लिपि नागरी शा माटे एवो एक प्रश्न थाय छे. आनो खुलासो एटलो ज के विदेशोमां तथा अहीं अन्य प्रान्तोमां, जे मित्रोने जूनी गुजराती भाषा वगेरे साथ काम रहे छे, तेवा मित्रोने भाषा अंशत: समजाती होवा छतां लिपि अवरोधक बने छे. आ अवरोध न रहे ते आशयथी ज नागरी लिपिमां प्रकाशननो उपक्रम योज्यो छे. -संपादको Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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