Book Title: Anusandhan 1994 00 SrNo 03 Author(s): Shilchandrasuri Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad View full book textPage 4
________________ निवेदन 'अनुसंधान' ए अनियतकालिक-शोध माहिती-पत्रिका छे. सामग्रीनो संचय .थाय तेम आ पत्रिका प्रगट करवानो उपक्रम छे. संपादन - संशोधन क्षेत्रे रस धरावनारा अभ्यासीओने निवेदन छे के आपना द्वारा प्रवर्तमान संपादन - संशोधनकार्यनी माहिती तेम ज संशोधनात्मक नोंधो, लघुकृतिओनां संपादनो इत्यादि सामग्री ‘अनुसंधान' माटे मोकलो, मोकलतां रहो, जेथी आ पत्रिकाने वधु समृद्ध अने बहुमुखी बनावी शकाय. सामग्री देवनागरी लिपिमां मोकलवानी भलामण छे. १५-९-९४ संपादको [3] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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