Book Title: Angsuttani Part 03 - Nayadhammakahao Uvasagdasao Antgaddasao Anuttaraovavai Panhavagarnaim Vivagsuya
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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कणग जाव दलयइ
कणग जाव पडिमाए
कणग जाव सावएज्ज
कणग जाब सिलप्पवाले
कयकोउय जाव सब्वालंकारविभूसिया
कयत्थे जाव जम्म०
कयवलिकम्मं जाव सव्वालंकारविभूसियं
कयबलिकम्मा जाव पायच्छित्ता
कलिकम्मा जाव विपुलाई जाव विहरइ
कयवलिकम्मे जाव रायगिहं
कवलिकम्मे जाव सरीरे कवलिकम्मे जाव सध्वालंकार०
करयल ०
करयल०
करयल०
करयल अंजलि
करयल जाव एवं
करयल जाव एवं
करवल जाव कट्ट्
करयल जाव कट्टु तहेव जाव समोसरह
करयल जाव कण्हं
करयल जाव पच्चप्पिणंति
करयल जाव पडणेइ
करयल जाव वद्धावेइ
करमल जाय बढावेंति
करयल जाव वृद्धावेंति
करयल जाव वढावेता
करयल जाव वद्धावेहि करयल तं चैव जाव समासोरह
करयल तहत्ति जेणेव
करयलपरिग्गहियं जाब अंजलि
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