Book Title: Angsuttani Part 03 - Nayadhammakahao Uvasagdasao Antgaddasao Anuttaraovavai Panhavagarnaim Vivagsuya
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 896
________________ २३ वायणाए जाव धम्माणुओगचिताए ११११८६ वाराओ तं चेव जाव नियघरं १।।४ वावीसु य जाव विहरेज्जाह शक्षा२० वासाइं जाव देति १।२।१२ वासुदेवपामोक्खे जाव उवागए १।१६।१७७ वासुदेवे धणुं परामुसइ वेढो १।१६।२५८ वासे जाव असीइंच सयसहस्सा दल इत्तए ११८।१६४ विउला पगाढा जाव दूरहियासा १।१९।४० विगोवइत्ता जाव पव्वइए १।१६।२६ विजया जाव अवक्कमामो १।२।४७ विणिम्मुयमाणी २ एवं ११।३३ वेज्जा य जाव कुसलपुत्ता १।१३।३० सई वा जाव अलभमाणा ११।२२,२४ सई वा जाव जेणेव १९।२३ संकामेत्ता जाव महत्थं पाहुडं ११८८४ संकिए जाव कलुससमावणे १।३।२४ संगयगयहसिय० ११३८ संचाएइ जाव विहरित्तए ११५११८ संचाएंति० करेत्तए ताहे दोच्चं पि अवक्कमंति ११४।१४,१५ संजत्तगाणं जाव पडिच्छइ १८८२ संता जाव भावा १।१२।३२ संताणं जाव सबभूयाणं १।१२।२६ संते जाव निविणे ११८७६ संते जाव भावे १।१२।२६ संपरिबुडे एवं जाव विहरइ ११८।१४७ संभग्गं जाव पासित्ता १।१६।२६३ संभग्गं जाव सण्णिवइया १।१६।२७८ संभग्गं तोरण जाव पासइ १११६।२७८ संसारभउब्विग्गा जाव पव्वइत्तए १।१४।५३ संसारभउव्विग्गे जाव पव्वयामि ११५८६ सकोरेंट जाव सेयवर० १८५७ सकोरेंटमल्लदाम जाव सेयवरचामराहि महया ११६१ सकोरेंट० सेयचामर हयगयरहमहयाभडचडगरेण जाव परिक्खित्ता १।१६।१५३ १।१।१५३ १४ १९२० १०२।१२ १।१६।१७६ वृत्ति ११८१६४ १।१।१६२ ओ० सू० ५२ १०२।४४ १।१।१४८ १।१३।२६ १६२१ १।६।२१ ११८८१ १०३।२१ १११११३४ ११५११७ १।४।११,१२ ११८८१ १।१२।३१ १।१२।१४ १।४।१२ १।१२।१६ १।१६।१७८ १।१६।२६२ १।१६।२६२ १।१६।२६२ १।१११४५ १।१।१४५ श८।५७ १८५७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 894 895 896 897 898 899 900 901 902 903 904 905 906 907 908 909 910 911 912 913 914 915 916 917 918 919 920 921 922