Book Title: Anangpavittha Suttani Padhamo Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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________________ 521 - पण्णवणासुत्तं प० 20 णाणाई उप्पाडेजा ? हंता गोयमा ! जाव उप्पाडेजा / जे णं भंते ! आभिणिबोहियणाणसुयणाणओहिणाणाई उप्पाडेजा से णं संचाएजा सीलं वा जाव पडिवजित्तए ? गोयमा ! णो इणढे समढे / एवं असुरकुमारेसु वि जाव थणियकुमारेसु / एगिदियविगलिदिएसु जहा पुढवीकाइए। पंचिदियतिरिक्खजोणिएसु मणुस्सेसु य जहा जेरइए / वाणमंतरजोइसियवेमाणिएसु जहा जेरइएसु उववजेजा पुच्छा भणिया, एवं मणुस्से वि / वाणमंतरजोइसियवेमाणिए जहा असुरकुमारे // 564 // रयणप्पभापुढवीणेरइए णं भंते ! रयणप्पभापुढवीणेरईएहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता तित्थगरत्तं लभेजा ? गोयमा ! अत्थेगइए लमेजा, अत्थेगइए णो लभेजा। से केणटेणं भंते ! एवं त्रुच्चइ-'अत्थेगइए लभेजा, अत्यंगइए णो लभेजा' 1 गोयमा! जस्स णं रयणप्पभापुढवीणेरइयस्स तित्थगरणामगोयाई कम्माई बद्धाई पुट्ठाई णिवत्ताई कडाई पट्टवियाई णिविट्ठाई अभिणिविट्ठाई अभिसमण्णागयाइं उदिण्णाई, जो उवसंताई हवंति, से णं रयणप्पभापुढवीणेरइए रयणप्पभापुढवीणेरइएहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता तित्थगरत्तं लभेजा, जस्स णं रयणप्पभापुटवीणेरइयस्स तित्थगरणामगोयाइं० णो बद्धाइं जाव णो उदिण्णाई, उवसंताई हवंति, से णं रयणप्पभापुढवीणेरइए रयणप्पभापुढवीणेरइएहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता तित्थगरत्तं णो लभेजा, से तेणटेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-'अत्थेगइए लभेजा, अन्थेगइए णो लभेजा। एवं सक्करप्पभा जाव वालुयप्पभापुढवीणेरइएहितो तित्थगरत्तं लभेजा / पंकप्पभापुढवीणेरइए णं भंते ! पंकप्प. भा०णेरइएहिंतो अणंतरं उव्वट्टित्ता तित्थगरत्तं लभेजा ? गोयमा! णो इणटे समढे, अंतकिरियं पुण करेजा। धूमप्पभापुढवीणेरइए पुच्छा / गोयमा ! णो इणटे समढे, सव्वविरइं पुण लभेजा। तमप्पभापुढवी-पुच्छा। गोयमा ! णो"विरयाविरई पुण लभेजा / अहेसत्तमपुढवी-पुच्छा / गोयमा! णो इणट्टे समढे, सम्मत्त पुण लभेजा। असुरकुमारस्स पुच्छा / गोयमा ! णो इणढे समटे, अंतकिरियं पुण करेजा / एवं णिरंतरं जाव आउकाइए / तेफाइए णं भंते ! तेउक्काइएहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता तित्थगरत्तं लभेजा 1 गोयमा ! णो इणढे समढे, केवलिपण्णत्तं धम्मं लभेजा सवणयाए / एवं वाउकाइए वि / वणस्सइकाइए णं पुच्छा। गोयमा ! णो इणटे समढे, अंतकिरियं पुण. करेजा। बेइंदियतेइंदियचउरिदिए णं पुच्छा / गोयमा! णो इणढे समढे, मणपज्जवणाणं उप्पाडेजा / पंचिंदियतिरिक्खजोणियमणूसवाणमंतरजोइसिए ण पुच्छा / गोयमा ! णो इणढे समटे, अंतकिरियं पुण करेजा / सोहम्मगदेवे णं

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