Book Title: Ahimsa Author(s): Dada Bhagwan Publisher: Mahavideh Foundation View full book textPage 6
________________ अनुक्रमणिका अहिंसा प्रयाण, 'अहिंसा परमोधर्म' की ओर १ कृष्ण का गोवधर्न - गायों... टले हिंसा, अहिंसा से... २ क्या पूजा के पुष्प में पाप? समझ, अहिंसा की २ पुष्प पंखुड़ी जहाँ दुख पाए... खटमल, एक समस्या(?) ३ एकेन्द्रिय जीवों की सृष्टि खटमलमार, आप खटमल मेकर हो?४ सिद्धि, अहिंसा की भगवान के बाग को नहीं लूटते ५ पहले बड़े जीव बचाओ तप - प्राप्त तप... ५ कौन-सा आहार उत्तम? माता ने संस्कार दिया अहिंसा धर्म का ६ विज्ञान, रात्रिभोजन का सफाई रखो, दवाई मत छिड़को ७ कंदमूल, सूक्ष्म जीवों का भंडार ४१ पूरे करो पेमेन्ट फटाफट ७ बड़े से बड़ी हिंसा, कषाय में ४२ वह खून पीता है या छुड़वाता... ८ बात को समझो । नहीं वह कानून से बाहर ८ 'हमने' भी नियम पाले थे अपने ही हिसाब ९ उबला हुआ पानी, पीने में नहीं कर सकते कहीं भी... ९ हरी सब्जी में समझा उल्टा नहीं कोई फर्क, काँटें और मच्छर...११ एन्टीबायोटिक्स से होनेवाली हिंसा ४६ किसी का जीने का राइट.... १२ आहार, डेवलपमेन्ट के आधार पर ४७ सहमति दे उसका गुनाह १४ चिढ़, माँसाहारी पर ४८ पढ़ाई में हिंसा? १६ खुद काटकर खाओगे? अलग हिसाब पाप के... १८ महिमा, सात्विक आहार की नियम, खेती में पुण्य-पाप का... १९ क्या माँसाहार से नर्कगति? स्पेशल प्रतिक्रमण, किसानों के... २० हिसाब के अनुसार गति स्वरूपज्ञानी को पुण्य-पाप छते... २२ न छुए कुछ अहिंसक को हिंसक व्यापार २४ गुनहगार, कसाई या खानेवाला? ५५ उत्तम व्यापार, जौहरी का २५ कबूतर, शुद्ध शाकाहारी संग्रह, वह भी हिंसा २६ अंडे खाए जा सकते हैं? सामना, पर शांति से २६ दूध लिया जा सकता है? हिंसा का विरोध, बचाए.... २७ हिंसक प्राणी की हिंसा में हिंसा? ५९ जीवो जीवस्य भोजनम् ५९ हिंसा-अहिंसा से पर संपूर्ण अहिंसक को नहीं कोई... ६० ज्ञानी, हिंसा के सागर में संपूर्ण... जीवों की बलि ६१ संपूर्ण अहिंसा, वहाँ प्रकटे.... ९५ अहिंसा की अनुमोदना, भावना... ६१ चरम अहिंसा का विज्ञान ९५ सबसे बड़ा अहिंसक कौन? ६३ शंका, तब तक दोष ९६ अभयदान, कौन-से जीवों के... ६४ वेदक-निर्वेदक-स्वसंवेदक अभयदान - महादान ६५ लाइट को कीचड़ रंग सकता है? ९८ वह है बचाने का अहंकार ६६ न छुए हिंसा, आत्मस्वरूपी को १०० वे दोनों अहंकारी हैं सिर्फ अहिंसा के पुजारियों के... ६८ 'यह' सबके लिए नहीं है मारने-बचाने का गुप्त रहस्य मरणकाल में ही मरण 'मारना नहीं है' का निश्चय करो ७२ नहीं 'मरता' कोई भगवान की... भारत में भावहिंसा भारी भाव स्वतंत्र, द्रव्य परतंत्र बचो भावहिंसा से प्रथम ऐसे होती है भाव अहिंसा सबसे बड़ी आत्महिंसा, कषाय निज का भावमरण प्रतिक्षण अहिंसा से बढ़ी बुद्धि बड़ी हिंसा, लड़ाई की या... ८२ बुद्धि से मारे वह हार्ड रौद्रध्यान इतना करो, और अहिंसक बनो ८५ सावधान हो जाओ, है विषय... ८६ मन से पर अहिंसा ज्ञानी पुरुष की अहिंसा का प्रताप ८९ अहिंसा, वहाँ हिंसा नहींPage Navigation
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