Book Title: Agam Kaha Koso evam Agam Nama Koso
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Shrut Prakashan Nidhi

View full book text
Previous | Next

Page 70
________________ ७० आगम कहा एवं नामकोसो निसी.(भा.२१५४,५१३८-३९-) चू. ...२-चंदप्पभ (चन्दप्रभ) मथुरानगरीनो मे बुह.भा.३२७६; आव.चू.१-पृ ५६३-५६५; ગાથાપતિ રસર તેની પત્ની હતી. दस.चू. ५२,८१; चंदप्पमा तेनी पुत्रीहती. चंदओत्त (चन्द्रगुप्त) मो. 'चंदउत्त नाया.२३६; आव.चू.२.पृ.२८१; चंदप्पभा (चन्द्रप्रभा) मथुराना थापति चंदगुत (चन्द्रगुप्त) हुमो ‘चंदउत्त' पालि | चंदप्पम मने चंदसिरी नी पुत्री म०पाव पासे पुत्रनारनो २%, तेने धम्मसीह मित्रत.| દીક્ષા લીધી મૃત્યુબાદ ચંદ્રની દેવી બની. संथा.७०; निसी.(भा.४४६२-) चू.| ठा. २८७; भग. ४९८; बुह.भा. ३२७६; आव.चू.१-पृ.७८; नाया. २३६; जीवा. ३१९; आव (नि.४५०-)वृ. दस.चू.पृ. ८१ सूर. १२६; चंद. १३०; चंदघोस (चन्द्रघोष) सरक्षुरी नगरीनो २८% || जंबू. ३५१; आव.नि.१२६९; १-चंदप्पह (चन्द्रप्रभ) मरतनी मा चंदच्छाअ (चन्द्रच्छाय) यंपानगरीनो २०%81, योवीसीन। मामा तीर्थ२ ते 'ससि' नामे ભમ્મલ્લિ પાસે દીક્ષા લીધી. મોક્ષે ગયા. ५९ मोणपाय छे. यंहपुरना २०% महसेन नाया. ८१,८७; અને રાણી નવવUT ના પુત્ર, દેહનો વર્ણ चंदजसा (चन्द्रयशा) मा समिi શ્વેત હતો, ૧૦૦૦ પુરુષ સાથે દીક્ષા લીધી. भरतक्षेत्रमा सुख.४२ विमलवाहन नी पत्नी તેમને ૯૩ ગણ અને ૯૩ ગણઘર હતા. એક सम. २६२, आव.नि. १५९; લાખ પૂર્વનું આયુ પાળી મોક્ષે ગયા चंदना (चन्दना) यंपानगरीन २% ठा. ५९१,९३० सम. २६४-३०६; दधिवाहन नी पुत्री, तेनुं भूजनम वसुमती आव. ४,४१, आव.नि. २२४,२५७,२६६ तुं. ते २०यलष्ट यता, ती असांजीन|| २७२-३०७,३२७,३७०,३७६,३७८, सार्थवाडधनावह नेत्यांसा तरी वेया.. || ३८२,३८५,३८७,१०९०; (म०महावीरनो छ भासनो समिती ||२-चंदप्पह (चन्द्रप्रभ) हुमो. 'चंदप्पभ-२' पासे पुरोथयो, पछी हामामालिन्या.|| नाया. (मू.२३६-) वृ. ४ म०महावीरन 38000 साध्वीमोम || चंदवडिसअ (चन्द्रावतंसक) साउतनगरानी મુખ્યા સાધ્વી હતા. તેમના મુખ્ય શિષ્યા| રાજા, તેને ધારિજી તથા બીજી એક પત્ની मियावई हता, हेनी सार्थना ५२५२|| ता.गुणचंद पुत्रोता. अभियपूर्व ખામણાંથી તે બંનેને કેવળજ્ઞાન થયેલું. | કાર્યોત્સર્ગમાં રાત્રિ પસાર કરી મૃત્યુ પામ્યો. २% सेणिअना ५९ कालि माहिशरा | मरण. ४४१,४४२, તેમની પાસે દીક્ષિત થયેલા चंदवडेंस (चन्द्रावतंसक) ओ चंदवडिसअ सम. ३११, भग. ४६२, | आव.चू.१-पृ.४९२; आव.(नि.८६६-) वृ. अंत. ४८,५०, आव.नि. ५१२ वृ. ||१-चंदसिरि (चन्द्रश्री) मथुरानगरीना मे आव.चू.१-पृ.३१८-३२०,६१५; गाथापति चंदप्पभनी पत्नी, चंदप्पभातेनी दस चू.पृ.५० पुत्री ती. १-चंदप्पभ (चन्दप्रभ) वर्तमान यौविसीना | नाया.२३६; भाभा तीर्थ.४२ हुमो चंदप्पह २-चंदसिरी (चन्द्रश्री) पाउलिपुत्रन थापति सम.२६३-३११ || धम्मसीह नी पत्नी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208