Book Title: Agam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Stahanakvasi
Author(s): Aryarakshit, Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Agam Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 14
________________ Dr 118 or 118 or or or 119 120 121 124 125 (ग) भंगोपदर्शनता (घ) समवतार (ङ) अनुगम (ङ 1) सत्यदप्ररूपणता (2) द्रव्यप्रमाण (3, 4) क्षेत्र और स्पर्शनाप्ररूपणा (ङ 5) कालप्ररूपणा (ङ 6) अन्तरप्ररूपणा (ङ 7) भागप्ररूपणा (ङ 8, 9) भाव और अल्पबहुत्वद्वार संग्रहनयमात्य अनोपनिधिकीकालानुपूर्वी संग्रहनयसम्मत अर्थपदप्ररूपणता आदि प्रोपनिधिकी कालानुपूर्वी : प्रथम प्रकार श्रोपनिधिको कालानुपूर्वी : द्वितीय प्रकार उत्कीर्तनानुपूर्वीनिरूपण गणनानुपूर्वीप्ररूपणा संस्थापनानुपूर्वीप्ररूपणा समाचारी-मानुपूर्वीप्ररूपणा भावानुपूर्वीप्ररूपणा 125 125 126 127 128 नामाधिकार - rm m ~ ~ 146 147 148 148 नामाधिकार की भूमिका एकनाम द्विताम विनाम द्रव्यनाम गुणनाम वर्णनाम मंधनाम रसनाम स्पर्शनाम संस्थाननाम पर्यायनाम विनाम की व्याख्या का दूसरा प्रकार चतुर्नाम पंचनाम r 149 151 woo~~ 152 153 [12] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 ... 553