Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Stahanakvasi Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla Publisher: Agam Prakashan Samiti View full book textPage 8
________________ समर्पण वर्त्तमान में जिन्होंने अर्द्धमागधी भाषा की अनुपम सेवा की, अर्द्धमागधीव्याकरण और कोश की तथा संस्कृत, गुजराती एवं हिन्दी भाषाओं में अनेक मौलिक ग्रन्थों की रचना कर के जैन साहित्य के भण्डार की श्रीवृद्धि की, जो सरलता और सौम्यभाव के साकार अवतार थे, अपने महान् और विशिष्ट व्यक्तित्व एवं वैदुष्य से जिन्होंने जैन- जैनेतर विद्वानों को प्रभावित किया, उन भारतभूषण शतावधानी स्व. मुनिश्री रत्नचन्द्रजी स्वामी की पुण्य स्मृति में सादर समर्पित (प्रथम संस्करण से )Page Navigation
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