Book Title: Agam 11 Ang 11 Vipak Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakaly

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Page 58
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmander सोरियदत्तो राया,तस्स णं सोरियपुरस्स णगरस्स बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए एत्थ णं एगे मच्छंधपाडए होत्या, तत्थ णं समुद्ददत्ते|| नाम मच्छंथे परिवसति अहम्मिए जाव दुष्पडियाणंदे, तस्स णं समुद्ददत्तस्स समुद्ददत्ता नाम भारिया होत्या अहीण०, तस्स गं| समुद्ददत्तस्स मच्छंधस्स पुत्ते समुद्ददत्ताए भारियाए अत्तए सोरियदत्ते नाम दारए होत्था अहीण०, तेणं कालेणं० साभी सभोसढे जाव पडिगया, तेणं कालेणं० जेटे सिस्से जाव सोरियपुरे णगरे उच्चनीय० अहापज्जतं समुदाणं गहाय सोरियपुराओ णगराओ पडिनिक्खमति तस्स मच्छंधपाडगस्स अदूरसामंतेणं वीईवयमाणे महतिमहालियाए मणुस्सपरिसाए मझगयं पासइ एगं पुरिसं सुक्खं भुक्खं णिम्मंसं अद्विचभ्मावणद्धं किडिकिडियाभूयं णीलसाडगनियत्थं मच्छकंटएण गलए अणुलग्गेणं कठ्ठाई कलुणाई विसराई उक्कूवेमाणं अबिक्खणं २ पूयकवले य रुहिरकवलेय किभिकवले य वममाणं पासति इमे अझथिए० पुरा जाव विहरति एवं संपेहेति त्ता जेणेव समणे भगवं० जाव पुव्वभवपुच्छ। जाव वागरणं, एवं खलु गोतमा! तेणं कालेणं० इहेव जंबूदीवे दीवे भारहे वासे गंदिपुरे णामं णगरे होत्था, मित्ते राया, तस्स णं मित्तस्स रन्नो सिरिए नामं महाणसिए होत्था अहम्मिए जाव दुष्पडियाणंदे, तस्स णं सिरियस्स महाणसियस्स बहवे मच्छिया य वागुरिया य साउणिया य दिण्णभति० कलाकल्लिं बहवे सोहमच्छ। य जाव पडागातिपडागे य अए य जाव महिसे य तित्तिरे य जाव मयूरे य जीविताओ ववरोवेति त्ता सिरियस्स महाणसियस्स उवणेति अण्णे य से बहवे तित्तिरा य जाव मयूरा य पंजरंसि संनिरुद्धा चिटुंति अण्णे य बहवे पुरिसा दिण्णभति० ते बहवे तित्तिरे य ॥ श्री विपाकदशाङ्गम् ॥ | ४८ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal

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