Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

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Page 1387
________________ 鼎諾茶器黑米諾諾器器端端菜歌 * मेवस्यादितियाहिंति मूकीकताभिःनिशब्दोकताभिरित्यर्थः उदगवत्यित्तिजलस्टतहतिं जलाधारचम मयभाजनमित्यर्थःजेयं तेणेवउवागच्छदत्ता उदगवत्थिंपरामुसइश्त्ता आयंते३ तालुग्घाडणिविज्ज आवाहेइरागिह स्मणयरस्सद्वारकवाडेउदएणंअच्छोडेरत्ताकवाडंविहाडेइश्त्तारायगिहंणयरंअणुप्पविसरताम हयाश्सद्दे णंउग्घोसेमाणे एवंवयासी एवंखलु अहंदेवाणुप्पियाचिलाएणामंचोरसेणावपंचाहिंची। रसएहिंसद्धिं सौहगुहानो चोरपल्लोरोइहंहब्वमागए धरणस्यसत्यवाहस्स गिहंघाउ कामेतंजोणं प्रजंजीईसंभारे प्रतक्षकरी पछे राजग्टहनगरनीपोलिना कामाडवारणामते पाणीइकरी छाट छाटीने कमाडाबारणाप्रते उघा.* उधाडीने राजन्टहनगरमाहिप्रवेशकर पेसे मोटे मोट शब्दे बारीउदघोषणाकरतो दूमकहतोड्योपूणेप्रकारेंखलनिचे हेदेवाल प्रियोशेलोको चिलातनामे'चोरनाकटकनोधणीळ पाचसे चोरासंघात सौहगुफाचोरनीपालीथकी इहाउतावलोसाव्योधनासा घेवाहनाघरमते' घातकरिवाल्टवाभणीकामअभिलाषाबाछाकार कारणथकोनेपुरुषमनुष्यमावनिश्चे नवियाएमाउयाएकहता 器器器能聽鍵器茶器茶器器洗滌器樂器樂器 १२०

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