Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

View full book text
Previous | Next

Page 1428
________________ गारेजेणेवथेराभगवंतो तेणेवउवागच्छ इश्त्ता थेरेभववंतेवंदणमंसश्त्ता थेराणतिएदोच्चपि चाउज्जामं धम्मपडिवज्ज छठ्ठखमणपारणंसिपटमाएपोरिसीए सभायंकरे जावडमाणसौ यलुक्व पाणभोवणंपडिगाहेदू अहापज्जत्तमित्तिकट्ट, पडिणियत्तएजेणेवथेराभगवंतो तेणेवउवाग च्छदश्त्ताभत्तपाणं पडिदंसेइ धेरोहिंभगवंतेहिं अभ्भणुणाएसमाणे अमुच्छिएविलमिवपणगभूएणं धवीस वकश्रावकाने डीलनीयथातथापरलोकने विघणासंसारमादिभमस्यें जिमतेकंडरीकराजानीपतिवारपछी तेपुडरीकसा धुजिहाविरमगवंततिहायावेधावीने थिवरभगवंतपते वादे नमस्कारकरें करीनयविराने समीपने विनीजीवारयारमहावत * रूपधर्ममतेपडिवजे पडिवजीने छट्टवेउपवासनापारणाने विथे पहिलापोहरने विसिभायमते करे करीनेवीजीपोरसीध्यानकरीने' * बीजीपोरसीने विपानामुहपत्तीपडिलेदीकरीनेविरानी पानाकरीनगरीमाहीगोचरीद् भनतोछतोशीतताढालू खापाणीभो * जनप्रतेपडिगाहे विचरे संपूर्णयाहारथयोरायोजाणीने नगरमाथिकीपायोवलीने जिहाथविरसाधुभगवंतऐतिहागावे द्यावीने'

Loading...

Page Navigation
1 ... 1426 1427 1428 1429 1430 1431 1432 1433 1434 1435 1436 1437 1438 1439 1440 1441 1442 1443 1444 1445 1446 1447 1448 1449 1450 1451 1452 1453 1454 1455 1456 1457 1458 1459 1460 1461 1462 1463 1464 1465 1466 1467 1468 1469 1470 1471 1472 1473 1474 1475 1476 1477 1478 1479 1480 1481 1482 1483 1484 1485 1486 1487