Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

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Page 1435
________________ 日版專業業米米米米 लेणंतेणंसमएणंरायगिणामंण्यरेहोत्या व तरसरायगिहरम गय रसवहिया उत्तरपुरच्छि मेदिसौभाएत्थणंगुणसिलएणामंचेईएहोत्या व श्रोते का लेते समए समास भगव श्रोमहा वीरस्मअंतेवासौ अज्जसुहन्नाणामंथे राभगवंता जाइसंघणाकुलसं परणाजावचोहरुपुव्वी चडणाणोव सतच्छिष्योत्तममहोपाध्याय श्रीहीरानंद चंदानाशिष्यलेशेन सुनिप्रेमचंद्रे पकृतज्ञाता ध्ययनस्यैकोनविंशतितमाध्ययनस्पटवार्थ: सं पूर्णः ११ हिवे'बीजाश्रुतखंधनो अर्थवखाणे एवीजाश्रुतखंधनोपहिला श्रुतखंध संघाते एसंबंधजाणिवोतेके होतेकहेछे पहिलाश्रु तवँधने'विषे' पूज्योत्तमपुरुषनानेओलंभा देवाळे' एहवेउदाहरणेदृष्टा तेकरी धर्मार्थधर्मने अर्थे' संबंधच्चाण्योछे' बने' इहांएवोजाग्रुत खंधने विषॆतेधर्मदूणे प्रकारे साचात्कथायें करी कहे दिवे बीजाश्रुतधने विषे यतीसाघवीनाधर्मनीदाथ वार्त्ताक हे तेकालने ' विषे'तेसजयने विर्षे राजग्टहना मानगरड तो एहनोवर्णकरवाई थी जाणिवो तेरानग्टहनगरने बाहिरे' ईशानकूलिने विषॆहो गुणमिलनामादेहरोहंतो षर्णकलववाईथीजांणिवो नेकालने 'विषे'तेसमयने विधे श्रमण भगवंतश्रीमहावीरनो शिष्यपांचमोगण १२४ 榮振器装

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