Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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एविहरतएणंसेडरौएअणगारेअथामे अबलेनवौरिए अपुरिसकारपरक्कमे करयलजावएवंवया . सौणमोत्युणंअरहताणंभगवंताणं जावठाणसंपत्ताणंणमोत्थुणथराणं भगवंताणंममधम्मायरियाणं
ममोधम्मोवएसगाणंपुबिंपिणंमएथेराणंअंतिएसब्वेपाणाइवाएपच्चक्खाएजावमिच्छादसणसल्लेणंपच्च तेकेहवीछे ऊजलीकरीतालगीनादुःखे धणेकष्टकरीखमीजाईनहौंपित्तज्वर व्याप्योशरीर देहपुडरीकसाधु नोशरीरने विर्षे दा धन्वरऊपनोएहवोरोगवंतराविमाहें थयोछतोविचरे'छे तिवारपछौतेपुंडरीकसाधु ऊठवावेसवानीसमर्थाइरहितथयोअवलका यानाबलरहितथयोवीर्यउद्यमरहितथयो पुरषाकारपराक्रमरहितथयोछतो तिवारेंजरात्रिमाहिवेहाथजोडिने माथाने विसं नलिप्रतेकरीमकहतोड़ो नमस्कारडवोकूणभणीचोठि'द्रनी कौधीमजाने योग्यछे तेभणी भगवंतसंपूर्णठकुराईयतभणीताल गीजापाठकहिवोसिद्धगतिथानकाते पाम्या तेभणीप्रथमअरिहंतभणीनमोत्युणंकोधो हिपोनानागुरुभणीनमोत्यु शंकर छेनम स्कारहोकुणभणी थविरधर्मदाताभगवंतनानवंतभणी माहराधर्माचार्यभणीमुझने धर्मोपदेशना दातारधर्मघोपमूरितेभणीपूर्षे
業基業聚器器兼暴涨紧器兼紫紫羔器狀黑業業。

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