Book Title: Adhyatma Tri Path Sangraha
Author(s): Kailashchandra Jain
Publisher: Tirthdham Mangalayatan

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Page 4
________________ प्रकाशकीय श्रीमद् योगीन्द्रदेव द्वारा रचित 'योगसार' एवं श्रीमद् पूज्यपादस्वामी द्वारा रचित ग्रन्थ - समाधितन्त्र और इष्टोपदेश की गाथाओं का हिन्दी पद्यानुवाद 'अध्यात्म त्रि-पाठ संग्रह' साधर्मीजनों को समर्पित करते हुए अत्यन्त हर्ष का अनुभव हो रहा है। मङ्गलायतन विश्वविद्यालय में निर्मित श्री महावीरस्वामी जिनमन्दिर के भव्य पञ्च कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर पर आयोजित ज्ञानाराधना यज्ञ के अन्तर्गत गाथा पाठ भी एक प्रमुख कार्यक्रम है। गाथा पाठ करते समय सभी के हाथ में पुस्तक रहे - तदर्थ यह प्रकाशन किया जा रहा है। विदित हो कि इन तीनों ग्रन्थों के गाथा पाठ हमारे यहाँ संगीतमयरूप से सी.डी. में भी उपलब्ध है। इनका संकलन मेरे पूज्य पिताश्री एवं पूज्य गुरुदेवश्री के अनन्य भक्त पण्डित कैलाशचन्द जैन ने किया है। उन्होंने इसे संक्षिप्त अर्थ सहित संकलित किया था, जिसे हम पाठ की सुविधा हेतु मात्र गाथा के अनुवादरूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। सभी साधर्मीजन इस प्रकाशन का उपयोग कर अपना उपयोग जिनवाणी में रमायें - ऐसी भावना है। पवन जैन

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