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तति मनजाणि । ए० ३१वा काय येनावर
लीनिका : १० क इततिम इजना विवाकाथनावर लावला
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के के बलाबूक ह योवनल्पभूति कांही बधे बाउइबई
के के वला बृक र
तदेवंागलिकायं पहियं ॥ लाने संतेनो पहिग्गा का केव लीलया
संतगृ निसान इ. १० अग्निमांहिं०ईदि 19 के पूर्व क 9] जालान इ
निघताना जा जालवान न
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आया मेरा ॥ संजए नि रक्तूपमिद्याए॥ अगणित स्सिंकटाश निस्सिं किया
वाग्नि उपरिस्थितितैोडल नाच नुन साडीमा करातेका सा राकराः ० ६०
इक केत ला एकतर नायिक काठ ई.
| उदरिय आहहुदल एका ग्रह निरण चोवदिद्वा)] एसप
जाविनः ० रा ६ देउ अग्नि७१२६ स्थित प्रा
सेन्ते निसा तिवसा धवा
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दार नकल यह यान काय विराधनामा श्रीक'
समुदइ. १०गृहे स्वान) घरिः श्वै स काययक की
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ना| ४ || जावनो परिग्गदे॥ ६७ ॥ ६॥ से रिक्वा २ || जावप विहे समाये ॥
१०१ किसान ला० सम इ दोष दि०ता के रंग राहिकै हिट