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सुवर्ण दिली रंगली से न्या
विज्ञानं विद्यादा
स्वनुंसह लाइन कुरा रल संबतो. नसात दिनों पे की दिजेन योग लाईने धन तथा नोस करूँन सासपाई लक्ष्मी दिपावनेनावेदि नबिगतमा को एन साल्पादीक नतथा वर्णनादिक त्रास दिसरी पोकरीने लेखनावदां न देवा ने कि एगए (संतसारं सारं ॥ दितादिमोदित्ता दि०लोकनें दे दादांनी जेमावेते दाया ह इने तथा गायक हायेतेह
तिज्ञायेकरी तेथून गट करनेलो कमांडिस सिहांले जग ना ये एत जो दोनदा म विगोकिने यवाधनए दीगो चीनेन प्रथिरजालीरा जाजजरगोजी उसने नए हकारले एह
१० विवीध नप्रापीनें
ही वास्तु शिष्यांन नसिविका दिक जलेकाले जेसे करेकरी
दिसा मित्ता। दायारे
दादाइ
पहिलोमा १०पहि सहन लोप २५०
सापद्यानास (संवृक्ष दल इन्जेसे हेमंताएं पढमे मसिएटा
संष्ट्रकवर्ष | दु०दांनमांघो जे० जेसी याला
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