Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 545
________________ बण्जीवनिकायमा सिामान्य माअईमा एसियनेविशे एअनेकन्नेदेवदहनु 9ve सरूपन कारेकमगधिनामा विशेषगर्थक काकरीविता तन्तक छ। प हिवेरीपचे रकरीषका | हे कया बजीवणिकायाआइरकरनासपनवडीपरवेझी ॥ तंजहाद आष्पकमा ततेनकाय | शाशकाय वनस्पतिकाय तजूसकासहबदीकायनाणवी 1३७डिवेaहिकायनादिस्पारातिए पर्दिजी महान्तकहीएतेदभत्रका चाका आनकाएनकाएवामकाएवास्सकाएतस्सकाराही नाविधकही निष्पपुरुआय । ५०पहिलोचण्टेनगा। १०५वद्युबुग्यपरिग्पालाात्तिपातपासतेसम्म लेएस्वाक्षागकरेतेरु दे महातनुमांगे- उजागीश्व्याख्यानपरिग्याईफ्धुप प्यमश्की एतिपातपरिक्ष सर्वसध्लोजाणातिपान सक्लोरव्या परमेन्नतेमहरायंफ्धकामिसबपाणावासत नेगोवरना देतेदवाईपणष्णुमतिसुष्यामजीवन हएतीहिपणसजावरणवानुंक्षारणकसंबुनेअविरति दालवामापीरूष्यमनाविणाक्षागतयारुष्यमनामकर्मनोदयसूष्यमपृथतीतह बापबादरवी नीहिंसाप्रापएपथकानकपजेरीकारणेतहनीकायाविराधनामक नई रणनहीवसायी जोर 1 Sमवारदेनेदसुझबादरामविकण्हीजन्नेदजाएगावाचसमाहीतव्यमऊंफयादिक Kumionaturonly

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