Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 576
________________ २१५ गंगवाय। ए मासिका विविषयमा राप्राषिजेतिहातन्तेसामूए०एरिहरेश्रीवितराग हवानेपरायागंधमेनासाकारहेजा नोउपदेनाबमजोलारामादेष्टालिवानिश्पकरेतेही तसेनासीकानाधणजेगंावेज आवारं गगक्षमाधानासाविसयंमागयारागदोसातनिरकूपरिस्कार घाना सिकाईक मनीग्एरुमाननगंगाधनेआग्रहलाई एवीज नानाना रासदीतनाजीनोग्य रणतिसारभूतगंश्नविध जाणवी रागदेषनखि राछापाजावोनएफन्नांमएमन्नहिंगअग्छिायातितछानावा| अ अथदि वनथीचा जीजा जीजमनो अमानमोग्प । ररसय अपरावना करासदी Faiय ह रनेसा आईरणअहावरावग्यानावाजी-माजीवोमान्लाएन्लारेमा माअाआस्वा |Roमनो अवमाननोग्ए । २०श्सने ग्रासक्ताम्वेनाइन देसात नथाड़ी ग्य विप मायासाइमियान्लानरक से हिरसे दिएोसकागोरोछारोगिशा FOLPhivalESPemasaTEE

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