Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 542
________________ नवादापविकसिणस्तसकलमाअामेलिजेकेसि आणेनोगावस्वारकान २५ थूनीगाहरूसवारुपासयविपतिवालणाघातहीएतनावथाकोशदिकमीबापज लघरोतयानीचालाक लोकसेवन नदिविरहितथालाक्थाकावारिहित श्रावारंवाणिवणेकसिमिgar अछाबोहाएणिरावरणेघनघाती याकर्ममाओव परिहितः॥ /29२ अकालशीअनंतजेदनो केकेसवृषभएकज्ञानवितोषबोधरूपाण्सामाए बोध अनतकालेशंतनथीग्रु पएहवाकवलेतानजदनिसकम्पानगवंतवीतराण अक्षरजेहथकरघुवनवस्तका केवलादान रहअतिअफत्तरे॥ केवलवरणाणदंसरणेसागत॥ २२॥ सिपनगीदावरदेव जावासिमाससर्वग्यसासण्मुटिरसिसर्दय सदे मनुमन्स अरिहतश्लोचानक वस्तना जागकेचनाजी ऐक्नावनादेषण व परविशीष जवाजोग्य निजिारापर कवला सिनयवारदा जिजाएकेवल सछएफसनावदसि सदेवमएफयासुरस्म लो सकललो प्रायलिश ने आपएजीकीगतीथकीजिएगगतीथकाववाकिस्पनीय कयउदेरजात्म यजाएतेकेदवा आयोगकागतिजास्वहिनियतिमाहायाविनायीजीअस |२७२ कहना नावजीणे आउषानीस्थितिएजीवनाएतलोचवणकहीएम०जिहां नन्यादिकपाल माजपजेतिनश्श्यकहाकिस्पीपीधी सीगस्सापकाएजागतंआगगइहिएश्यामक्वायर पीयकर हार Nga. कहे माती JENEducatitatibha ERPrivateEarmonidi T h ilibrary.orm

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