Book Title: Abhidharmadipa with Vibhasaprabha Vrutti
Author(s): P S Jaini
Publisher: Kashi Prasad Jayaswal Research Institute

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Page 616
________________ वेद, 417 वैभाष, वैभाषिक, 3. विभाषाप्रभावृत्तिगतविशेषनामसूची। विन्ध्यवासिन्, 35 षट्पट्कसूत्र, 223 विपाश्यिन्, 200 सत्पुरुषसूत्रोद्देश, 343 विभज्यवाद, 257 सर्वज्ञप्रवचन, 280 85, 86, 267, सर्वास्तिवाद, 257, 259, 260 वेदमन्त्र, सर्वास्तिवादविभ्रष्टि, 282 वैतानकर्म, 418 सर्वास्तिवादिन्, 259 वैतुलिक, 257, 258, 276, 282 सुनक्षत्र, 220 वैतुलिकशास्त्र, . 101 सूत्र, 8,9,52,78, 82,91,97, 99, वैनाशिक, 259 . 100, 103, 104, 118, 133, 6, 47, 48, 304 149, 153, 197, 207, 215 121, 195, 221. 221, 236, 247, 248, 293, वैभाषिकीय, 47 267, 268, 300, 304, 305, वैमचित्र, . 238 332, 340, 367, 399, 400, 112, 113 406, 410, 423, 428, 431, वैशेषिक, 4, 9, 10, 113, 274, 416 सौगत, व्यास, 3 सौत्रान्तिक, / 157, 22, 225, 268 शबर, 418 संगीतिकर्त, 199 शबरादिमन्त्र, * 159 संग्रहवस्तु, शाक्य, 148 सांख्य, 4, 31, 1.6, 149, 267, शाक्यमुनि, 199, 200 . 268, 273, 416 शारिपुत्र, 96 स्थविरक्षेमकसूत्र, 237 शास्त्र, 22,89,125, 145, 147, 184 स्थितिभागीय, 148 186, 220, 230, 281, 365, 417 हरिहर, 232, 233 शुभकृत्स्न, . 108 हस्तताडोपमसूत्र, 271 श्रावकयाण(न), 358 हिरण्यगर्भ, 232, 233 105 हूपनाडी, वैयाकरण, श्री

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