Book Title: Abhidharmadipa with Vibhasaprabha Vrutti
Author(s): P S Jaini
Publisher: Kashi Prasad Jayaswal Research Institute

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Page 632
________________ छेत्तु छेद्य 25 5. ग्रन्थगतसंस्कृतशब्दसूची। 473 छन्द 50, 69, 253, 359, 363, 391 n. ताम्रचक्र 202 छात्रासन, 280 तत्त्वज्ञान 321 25 तत्त्वाकार 272, 319 तत्त्वार्थकदेशप्रविष्टसमाधि 327 n. जटावतारण 231 तत्सभाग 28, 29 जनपदनिरुक्ति 33 n. तथागत 270; ज्ञानदर्शन 205 n. जनपदवितक 310 तथात्व जन्मशरीर 187, 208, 209 तदालम्बनक्लेशप्रहाण 147 जन्माक्षेप . 181 तन्द्री 310, 311 जम्बुद्वीप 193 n. तप 329 जरा 104-196 तर्क 258, 280; गम्य 109 n. जरामर्य 231 तिर्यक् 209; योनिगत 212 जरायुज 5 तिलपीडक 266 जात 106; अवस्थाः (पञ्च) 143; निरुद्ध तीक्ष्णेन्द्रिय 54, 203 n. तीर्थ्यपक्ष्य 260 जाति 9, 31, 51, 67, 82, 83, 89, तीर्थ्यपरिकल्पित 90, 104, 241, 259, 261, 268, तुटि 372; द्रव्य 366; संमोह 375. . तुल्या विमुक्ति 206 जाल्मज . 112 तुल्यविषय 40 जिन 201, 367; आदिष्ट 103; दूत तृतीयध्यान 52, 313 तृष्णा 46, 246, 407; उत्तरध्यायी जिह्वा . 267 247 n.; चरित 329. जीवित 97, 157; आवेध 98; इन्द्रिय तेज 320; धातु 26; संवर्तन्यः . 97-8; वशित्व 101 n.; संस्कार (षट्पञ्चाशत्) 116. .. 99 n... तोलयितु जुहोत्यादिक्रिया 159 तोल्य जन 110 n.; 158 n. अयोधर्म . 232, 418 ज्ञप्तिचतुर्थकर्म त्रयोदशायतनप्रतिषेधबुद्धि 271 ज्ञातिवितर्क 310 त्रिक 277; सन्निपात 69 n. ज्ञान 111, 284, 361, 372, 376, त्रिभवात्मक 283 ... 379; अनुष्ठान 417; शान्ति त्रिविधार्थ 332 n., चिह्न 87 n., 170; ज्ञेय- त्रिलक्षणयोग 260 संबंध 268, 271. 275, बल त्रिशरणपरिगृहीत .. 123 n. 384, 390; वादिता 250-1; सम्पत् त्रिस्वभाव 390, सक्षाक्रिया 395, 397; त्रीण्यावरणानि 185 n. ज्ञेय 321, 372,417; आवरण 206 n. कालिक 36, 109, 180 282

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