Book Title: Abhidharmadipa with Vibhasaprabha Vrutti
Author(s): P S Jaini
Publisher: Kashi Prasad Jayaswal Research Institute

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Page 639
________________ प्रलय 37 480 5. ग्रन्थगतसंस्कृतशब्दसूचो / प्रयोग 93, 129, 151, 153, 155 n. प्राप्ति 27, 86-7, 179, 187, 220 n., 208, 213, 345; बल 295-6; / 222, 244, 270, 286, 293, 315, मार्ग 146,. 152 n., 325, 354, 328, 334-5, 339 n., 355, 369; __371, 379. अप्राप्ति 88 n., आकर्षण 57; उत्सर्ग प्रयोजन 37 296; छेद 57, 147 n., 335 n; ज्ञ 75 n.; दूरीकरण 166 n:; प्रवचन 89, 257 विगम 282 n. प्रवाह 105 n., 107 n., 344, 345; प्राप्यविषयग्राहित्व : 162 छेदकाल 312. प्रासङ्गिकप्रकरण प्रवजित 300, 305. प्रीति 41, 43, 52, 115, 117, प्रश्नव्याकरण (चत्वारि) 248 358, 361, 407-8, 410, प्रसाद 321, 322, 367 411, 429. प्रसुप्ति 222 प्रायोगिक 93 n., 95, 166 प्रस्कन्द 389 प्रेत 209 प्रस्रब्धि 51, 72, 358, 361, 408 प्लुत 339 n., 340 प्रहाण 146; चतुष्टय . 358; धातु फल 37, 114, 135, 178 (पञ्च) 205, 370; मार्ग 136, 179, 381; . 253, 350; अपवादिका 164 n.; संज्ञा 371; संस्कार 359; सम्पत् आक्षेप 181; * उपचार 223; कृत 390; हेतु 100. 207; नैयम्य 256; परिपूरि 153; प्रहातव्य 314 परिहीण 142; प्राप्तितत्प्रथमता 366; प्रहीण 28, 148. भेद 202. प्रहेय 53 बल 48, 125, 207, 357, 361, 362, प्राकाम्य 399 n. (दश) 382 n., 387, 388. 112 बल्वजद्रव्य 110 प्रागभाव 264 n. बहुलीकृत 177 प्रागुत्पन्न बहिष्कृतबुद्धि 195 प्राण 157; अतिपात 108, 153-4, बन्धनत्रय 300, 304-5, 367 156-7, 177. बालवचन 100 प्रातिमोक्ष 215; संवर, 122 n., 128-9 बालपृथग्जन 347 132, 136 n बाह्य 27, 54; पृथग्जन 55 प्रातिहार्य 398, 399 बार्हस्पत्योपनिषद, 231 प्राथमिकल्पिक __56 बीज 31, 86 n., 168, 170, 171 n., प्रादुर्भाव 216, 220 n.,223 n.,295, 317, प्रादेशिकविमुक्त 206 n. 324 n.; निर्मूल 263 n.; प्रकृताप्रान्तकोटिक 99 n., 392, 394 वस्था 223 n.; भाव 168 n., 170, प्राप्तग्राहि 34 222; लेश 170, वासना 225. प्राकार

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