Book Title: Abhidharmadipa with Vibhasaprabha Vrutti
Author(s): P S Jaini
Publisher: Kashi Prasad Jayaswal Research Institute

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Page 646
________________ 5. प्रन्थगतसंस्कृतशब्दसूची। 487 शौचेयदेशना 151 उत्पाद 91; विपर्यास 236; वेदिश्रद्धा 48, 53, 71, 238, 295, 316, तनिरोध 95, 414. 320, 358-60, 367; अधिमुक्त 63, संनिचय 267 345, 353; अनुसारि 380; लिङ्ग / संप्रजन्य (त्रय) 55. संप्रयुक्त 243, 253, 377; संस्कार 85, श्रामण्यफल 395; प्राप्ति 57 222. श्रावणेरसंवर 130, 174; त्याग 132 संप्रयोग 8, 9, 242, 247, 293 श्रावक 48, 1930, 202, 205, 366, संप्रज्ञान 408 391, 400; अभिसमय 206 n.; सबन्धिसंबन्ध - 77 धर्म 195n.; बोधि 358; यान 203n, संभारमार्ग 354 n. 358; साधारणगुण 392. . संभिन्नप्रलाप 164, 175, 177 श्वलांगूलिक 148 संभिन्नालम्बन 317, 318 श्लीपदगण्ड 38 संभोग श्रुत 161.2, धरप्रवर 187; चिन्तामय / संमुखीभाव 153, 175 87,321; मयं 193. संमोह 397 श्रोत्र 34, 267; ग्राह्य 113 संयुक्त . 251, 253, 282 षष्ठज 193 संयोग 274; प्राप्ति 334; वस्तु 251; षष्ठस्कन्ध - 272 संबन्ध 110. षष्ठी समास 1, 221 संयोजन 18, 41, 48, 220, 221n., षडङ्गोषध 125 255, (नव) 300, 334; अधिकार षड्विज्ञान कायिक 246-7 304. षोडशक्षण - 336 0., 381 संरम्भ षोडशाकार 321, 327-9, 387; भावना संराग . 245 .. 325. संवर 123, 127, 136, 149n; असंवर संकल्प .. 81, 362 47, 129; कर्म 128n; त्याग 131, संकेत 110,113 134; लाभ 124 n., 130; संमुखीसंक्लेश 44, 47, 48, 78, 363, भाव 176; स्थायी 130. 384. संवर्तनीय 108, 115-6 संख्या 9, 199, 218 संवृति 22, 255-6, 262, 277; ज्ञान संग्रह 8; श्लोक 79 374, 375, 377, 379, 380, संगीतिकर्तृ 197 386, 391, 396; बुद्ध 125; संघात 65; परमाणु 65 n. भिक्षुत्व 123; शब्द 111; सत् 263; संघावशेष 132n. सत्य 45, 262 n. . संज्ञा 33n., 50, 78, 109, 168, 219, संसर्गस्मृत्युपस्थान 318 236, 273, 375, 300, 311,316, संसर्गालम्बन 317 n. 363, 371-2, 412, 414, 430; संसगिसंसर्ग H 77

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