Book Title: Abhidharmadipa with Vibhasaprabha Vrutti
Author(s): P S Jaini
Publisher: Kashi Prasad Jayaswal Research Institute

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Page 650
________________ 5. ग्रन्थगतसंस्कृतशब्दसूची। .320 स्कन्ध 6, 9, 37, 113, 129, 249, स्वभाव 120-1, 146, 173, 263, * 254, 272, 283, 372, 405;- 276-7, 281 n., 320; आलम्बन त्रय 196; पञ्चक 316; प्रज्ञप्ति - 317 n., कृत 207; क्रियाभाव 6; मार 101 n.; सन्तति 183, 46; त्रय 282; सिद्ध 261--2; 255. स्मृत्युपस्थान 318 n. स्तम्भनता 311 स्वभूमिकधर्म 180 स्त्री / 193; पुरुष 89 स्वभूमिनिरोध 242 स्थान 382-3, अन्तर (60), 199 n.; स्वपक्ष 248, 295. वादित्व 250; सप्तक 320. स्वप्न 91, 121, 309, 386. स्थानास्थान 251; ज्ञानबल 387 स्वप्रतिष्ठित स्थापना 107, 113 स्वयंमृत्युत्व 103 स्थापनोय . 248; प्रश्न 249 स्वयम्भु स्थिति 104-5, 119, 408, (चतस्र: स्वरूप . . . 261 स्थितयः) 248-250; अन्यथात्व स्वर्ग 27; अपवर्ग 231; उपपत्ति 50; - 104, 105.n.; कालावेध 99 n.; मार्ग 300. भागीय 148, 384, 418-9. स्वलक्षण 67, 262 n., 270, 278, स्थिरमति 360, 372, आकारा बुद्धि 273; स्नानीयकषाय क्लेश 228, 240, 252, 213 n.; स्निग्धसन्तान 176 धारण 126. स्पर्श 50, 69, 363; आश्रय 50; स्वसंतानचित्त : 'जातीय 50. स्वसंवित 205 स्पृष्टव्यायतन . 389 स्वसभागता स्फोट .. स्वसाधारणचिह्न ............320 स्मरण 32 स्वसामान्यलक्षण 20, 268, 319-20 20, स्मृति 22, 32, 40, 48, 69, 78, स्वसिद्धान्तविरोध 110-11, 120, 208, 359-62 स्वस्वभावप्रभव 391, 408; परिशुद्धि 408; स्वस्तिक बीज 223 n.; लोप 128; हेतु स्वार्थप्रकाशनक्रिया 22. स्वार्थप्रत्यायन स्मृत्युपस्थान, 207, 216, 315, 317, स्वार्थसम्पत् 390 321, 357-8, 362, 376, 379, स्वार्थोपलब्धि 47-8 (त्रय) 390, 396; भावना 225-6; स्रोतआपन्न 144, 236, 302, 304, 329, स्मृत्युपस्थिति 391. 343; फल 57. स्वकाय 330 n. स्त्यान 74, 297-8, 310, 314; चरित स्वधातुभूमिसर्वत्रग 243 n. 75 n. स्वबीजकार्य 171 n. हन्तु 157 171 112

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