Book Title: Abhidharmadipa with Vibhasaprabha Vrutti
Author(s): P S Jaini
Publisher: Kashi Prasad Jayaswal Research Institute

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Page 615
________________ 456 3. विभाषाप्रभावृत्तिगतविशेषनामसूची। तिष्य, दीपकार, 247 338 194 भगवता, 13, 44, 50, 52, 53, 76 / द (?) क्षजातक, 143 78, 90, 96, 104, 107, 108, दार्टान्तिक, 31, 47, 139, 222, 257, 113, 121, 127, 128, 132, 258, 274, 278 133, 138, 146, 153, 166, 169 183, 197, 214, 245, 253, द्वादशाङ्गप्रवचन, 393 264, 265, 26 , 269, 271, धर्मत्रात (भदन्त), 259 272, 297, 305, 320, 328, घ्यायिसूत्र, 352, 355, 364, 373, 410, नग्नाट, 158 412, 416, 431 नग्नाटपक्ष, 259 भगवान्, 54, 101, 124, 267, 268, नन्द 220 301, 375, 406 नरक, 177 भदन्त, . 33, 101 नारायण, 14, 389 भागवत, . 120 नारायणीकृत, 101 भार्गव, - 200 निकायान्तरीय, 96 भूतभौतिकान्यत्वचिन्ता, 77 निर्ग्रन्थ, 158 महत्यां शून्यतायाम्, 146 पञ्चमेऽध्याये, 76 महाकाश्यप, 197, 402 परमार्थशून्यतासूत्र, 266 महायण(न), पारसीक, . 154 मारचतुष्टय, 208 पारसीकादिमन्त्र, 418 माहकीमातृसूत्र, पिटक, . 126, 195, 202, 203 माहेश्वर, 120 पौद्गलिक, 258 मीमांसक, 112 46, 427 मेधिक, 293 प्रकरण, 263 मैत्रेय (आय), 86, 402 प्रज्ञप्ति, 102 याज्ञिक, 159 प्रज्ञप्तिभाष्य, 117 रत्नशिखिन्, 200 प्रभासेतुराजन्, 201 राहुल, 128 प्रवचन, 89, 257 लवणोपमसूत्रन्याय, 138 बकलात (?), 143 लोकायतिक, 258 बहिर्देशीयक, 247 वसुमित्र (भदन्त), 260 बुद्धदेव (भदन्त), 76, 260 वसुमित्रस्थविर, बुद्धवचन, 85, 224 वार्षगण्यपक्ष, 259 76 वासुदेव, 230 बोधिसत्त्वमार्ग, 195 वालीक; 158 417 विनय, 99, 100, 195, 197, 207 154, 418 विनयधरवैभाषिक, पौराण, 86 ब्राह्मण,


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