Book Title: Abhidharmadipa with Vibhasaprabha Vrutti
Author(s): P S Jaini
Publisher: Kashi Prasad Jayaswal Research Institute
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________________ __3. विभाषाप्रभावृत्तिगतविशेषनामसूची // III. Index of Sutras, Sastras, Acharyas, etc., in Adv. (Numbers refer to pages). 398 238 95 कपिल अक्षपाद, 398 उलूक, अगुलिमाल, 220 ऐरावण, अध्वसंकरवाद, 260 औपनिषद, 416 अबौद्धीय, कपिल, 398 अभिधर्म, 3, 8, 21, 33, 40, 58, 75, कर्मचिन्ता, 225, 417 87, 96, 97, 101, 104, 122, कर्माधिकार, 207, 221, 283, 406, 410. कर्माध्याय, 373 अभिधर्मदीप, . . काणाद, अभिधर्मनय, - 422 कात्यायत(-य)नसूत्र, 270 अभिधर्मप्रदोप, 347,.429 कापालिक, 418 अयोगशून्यतावादिन, . 257 कालकर्णी, 105 अव्याकृतवस्तुवादिन, 258 काश्मीराः, 29, 102, 246 अशाक्यपुत्रीय, 54 कुमारलात (भदन्त), 16, 277 अश्वघोष (आचार्य), अश्वजित् 84 कोशकार, 18, 33, 47, 65, 81, 90 अष्टमेऽध्याये. 373 93, 98, 133, 149, 168, अर्हत्परिहाणिसूत्र, 222, 279 आगम, . . 11, 26, 55, 97, 108, कोशकारक, 40, 47, 282 .. 171, 269, 412 कोशकृत्, आचार्य, 11, 46, 291, 295 क्रौञ्चादिराजदुहिताभिक्षु, क्रौञ्चादिराजदुहिताभिक्षु, 231 आचार्यकम्, 11, 186 क्षुद्रकवस्तुक, आनन्द, 147 गन्धहस्ति, आनन्द (स्थविर), 197 गाथा, 104, 194 आनेज्यसूत्र, गोमयपिण्डोपमसूत्र, आभिर्मिक, 109, 139, 256 गोसवयज्ञ, 154 उत्तरकुरु, 176, 238 घोषक (भदन्त), . 259, 260 उदायी (भदन्त), 96 चतुर्वेद, उदायी (स्थविर), 96 चतुर्वागमेषु, 197 उद्दानगाथा 197 ज्ञानप्रस्थान, 102, 186, 237 उपक्लेशचिन्ता, 76 तत्त्वसप्तति, 225 418
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