Book Title: Aagam 40 Aavashyak Choorni 01
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 5
________________ मूलाङ्का: ५०+२१ मलांक: ११-३६ निर्युक्ति / भाष्य अध्ययन ४- प्रतिक्रमणं अध्ययन अध्ययनं -२ सूत्रपाठः, कीर्तनं, प्रतिज्ञा. -- अर्हतः विशेषणं, -- ऋषभादि नामानि, अध्ययनं ३- वन्दनं - गुरुवन्दन सूत्रपाठः -मितावग्रह प्रवेशयाचना --क्षमापना प्रतिक्रमण पष्ठांक ' पृष्ठांक: ***आवश्यक मूल-सूत्रस्य विषयानुक्रम (भाग-२) मुलांक: ०३-०९ ३७-६२ अध्ययनं २- चतुर्विंशतिस्तवः ५- कायोत्सर्ग आवश्यक सटीकं (संक्षिप्त) विषयानुक्रम नि./भा. अध्ययनं पष्ठांक: अध्ययनं ४- प्रतिक्रमणं नमस्कार व सामायिक-सूत्रं चत्वारः लोकोतम-मङ्गल एवं ------ --शरणभूत संक्षिप्त व ईर्यापथ | शयन संबंधी प्रतिक्रमणं भिक्षाचर्यायाः प्रतिक्रमणं स्वाध्याय, असंयम आदि ३३ - सूत्रोच्चारणे मिथ्यादुष्कृतम् प्रवचनस्तुति, वंदना, पृष्ठांक ०९८४ १५२९ मूलांक: १०- -- ६३-९२ नि./भा. दीप- अनुक्रमाः ९२ अध्ययन ३- वंदनकं ६- प्रत्याख्यानं अध्ययन अध्ययनं ५ कायोत्सर्गः सूत्रपाठः, कायोत्सर्गस्थापना श्रुतस्तव, सिद्धस्तवादि अध्ययनं -६- प्रत्याख्यानं सम्यक्त्व एवं श्रावकव्रतप्रतिज्ञा विविध प्रत्याख्यानादिः *** आवश्यक - चूर्णि के इस विषयानुक्रम के पृष्ठांक हमने दुसरे भाग मे दिये है मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता .........आगमसूत्र [४०], मूलसूत्र [०१] " आवश्यक" निर्युक्तिः एवं जिनभद्रगणि- रचिता चूर्णि:-1 (5) पृष्ठांक: पष्ठांक:

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