Book Title: Yuktyanushasan Author(s): Jugalkishor Mukhtar Publisher: Veer Seva Mandir Trust View full book textPage 4
________________ धन्यवाद समन्तभद्र - भारती के प्रमुख अङ्गस्वरूप ' युक्त्यनुशासन' नामक इस महत्वपूर्ण सुन्दर ग्रन्थके सानुवाद प्रकाशनका श्र ेय श्रीमान् बाबू नन्दलालजी जैन सुपुत्र सेठ रामजीवनजी सरावगी कलकत्ताको प्राप्त है, जिन्होंने श्रुत सेवाकी उदार भावनाओं से प्रेरित होकर तीन वर्ष हुए वीरसेवामन्दिरको अनेक ग्रन्थोंके अनुवादादि सहित प्रकाशनार्थ दस हजार रुपये की सहायता प्रदान की थी और जिससे स्तुति - विद्या, शासन - चतुस्त्रिंशिका और श्रीपुरपार्श्वनाथस्तोत्र - जैसे ग्रन्थोंके अलावा श्रीविद्यानन्द स्वामीका 'आप्त-परीक्षा' नामका महान् ग्रन्थ भी संस्कृत स्वोपज्ञ टीका और हिन्दी अनुवादादिके साथ प्रकाशित हो चुका है । यह ग्रन्थ भी उसी आर्थिक सहायता से प्रकाशित हो रहा है । अतः प्रकाशनके इस शुभ अवसर पर आपका साभार स्मरण करते हुए आपको हार्दिक धन्यवाद समर्पित है । जुगलकिशोर मुख्तार अधिष्ठाता 'वीर सेवामन्दिर'Page Navigation
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