Book Title: Vyutpatti Dipikabhidhan Dhundikaya Samarthitam Siddha Hem Prakrit Vyakaranam Part 02
Author(s): Vimalkirtivijay
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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अकारादिवर्णक्रमेण प्राकृतव्याकरणान्तर्गता देशीशब्दाः
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[एत्ताहे] अ० अब, इस समय [२।१३४] । [एद्दह] वि० इतना [२।१५७] । [कटार ] नपु० छुरी, क्षुरिका [४।४४५-३] । [कत्थइ] अ० क्वचित् [२।१७४] । [कन्दुट्ट] नपुं० नीलकमल [२।१७४] । उत्पलके कलिम-कंदोट्टा [दे० २।९] । [करसी] स्त्री० श्मशान, मसान [२।१७४] । कडसी मसाणम्मि [दे० २।६] । [कवण] वि० कौन ? [४।३५०-२, ४।३६७-४, ४।३९५-६, ४।४२५-१] । [कसर ] पुं० अधम बैल [४।४२१-१] । कसरो अहमबइल्ले [दे० २।४] । [कसरक्क] पुं०-नपुं० चर्वण शब्द-खाते समय जो शब्द होता है वह, फूल की कली [४।४२३-२] । [किणो] अ. क्यों, किसलिए? [२२२१६] । [किडि] पुं० सूकर, सूअर [१।२५१] ।
[किर] अ० सम्भावना, निश्चय, निश्चित कारण, प्रसिद्ध अर्थ, अरुचि, असत्य, संशय, पादपूर्ति अर्थो का सूचक अव्यय [२।१८४] ।
[कुट्टण ] नपुं० कूटना [४।४३८-२] । [कुड्ड] नपुं० आश्चर्य, कुतूहल [२।१७४] । कुड्डं आश्चर्ये [दे० २।३३] । [ कीस ] अ० प्रश्नसूचक (विभक्त्यन्त प्रतिरूपक अव्यय) [३।६८] । [केर ] वि० सम्बन्धी वस्तु [४।३५९] । [खलिहड] पुं० जिसके सिर पर बाल न हो, गंजा [४।३८९-१] । [खल्लीड ] पुं० जिसके सिर पर बाल न हो, गंजा [१।७४] । [खसप्फसिहूअ] वि० व्याकुल, अधीर [४।४२२-१५] । [खुड्डअ] वि० लघु, लघु साधु [२।१७४] । कुडि-लहु-तुट्टेसुं खुल्ल-खुड्ड-खुट्टा [दे० २।७४] । [खेड्ड] नपु० खेल [२१७४] । [खोडि] दोषः [४।४१९-२] । [गंजिअ] वि० पराजित, मारा हुआ, पीडित [४।४०९] । [गग्गर ] वि० गद्गद आवाजवाला, अस्पष्ट आवाज [१।२१९] । [गड्ड] पुं०-स्त्री०-नपुं० गड्ढा , शकट, गाडी [२।३५] । [गोण] पुं० साक्षी, बैल-वृषभ [२२१७४] । गोणो य सक्खि-उसहेसु [दे० २०१०४] । [गोला] स्त्री० गोदावरी नदी [२।१७४] ।
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