Book Title: Vyavahar Sutram Author(s): Manekmuni Publisher: Jain Shwetambar Sangh View full book textPage 4
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ॥अर्हम् ॥ श्रीमान् मलयगिरि विरचित विवरणयुता भाष्य नियुक्ति समेता श्री व्यवहार सूत्रस्य पीठिका व्यवहार सूत्रं सटीकं ॥ ॐ नमो जिनाय ॥ ॐ नमो वीतरागाय ।। सटीकप्रणमत नेमिजिनेश्वर-मखिलप्रत्यूहतिमिररविबिंबम्। दर्शनपथमनतीर्ण शशीव दष्टेः प्रसत्तिकरम् ।। नत्वा गुरुपदकमलं, व्यवहारमहं विचित्रनिपुणार्थम्। विवृणोमि यथाशक्ति, प्रबोधहेतोर्जडमतीनाम् ।। विषमपदविवरणेन, व्यवहर्त्तव्यो व्यध्यायि साधूनाम् । येनायं व्यवहारः, श्रीचूर्णिकृते नमस्तस्मै।३। भाष्यं क चेदं विषमार्थगर्भ, क्व चाहमेषोऽल्पमतिप्रकर्षः । तथापि सम्यग्गुरुपर्युपास्ति-प्रसादतो जातदृढप्रतिज्ञः For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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