Book Title: Vihar Varnan
Author(s): Jayantvijay
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala

Previous | Next

Page 88
________________ (७०) तरफथी जुदी जुदी मोटा पाया ऊपर जैनस्कलो चाले छे तेमां धार्मिक शिक्षण पण अपाय छे. जैन कन्याशाला, कच्छी जैन एसोसीएशन विगैरे छे. ८३ (नवा) कुरलाना देरासरने शिवगामनुं देरासर पण कहे छे.देरासरपासंज उपाश्रय तथा श्रावकनां घर ३-४ छे बाकीनां घर बजारमा छे. अहिंथी घाटकोपर जवानी बे सडको छे, तेमांथी बजारने रस्ते जतां देरासरथी ल० १ माइल पछी जुना कुरला आवे छे, त्यां श्रावकोनां ५-७ घर छे. जुना कुरलाथी शांटाक्रुझ ३ माइल अने घाटकोपर १॥ माइल थाय छे. नवा कुरला अने वांदराथी ठाणा जील्लो शरु थाय छे. ८४ घाटकोपरमां देरासरनी आसपास कच्छी-गुजरातीओनां थोडां घर छ बाकीनां घर जुदा जुदा लतामां छेटां छे, एकन कंपाउंडमां देरासा, जैन धर्मशाला, जैन पुस्तकालय अने जैन कन्याशाला छे, आ. गृ. १ शेठ परमाणंद रतनजी, २ शेठ फुलचंद त्रीकमनी, ३ शेठ खेतशी खीयसी. अहिंथी शांटाक्रुझ ४॥ माइल थाय छे. ८५ भांडुपमा कच्छी दशाओसवाल- जैनसेनेटरीयम, धर्मशाला, देरासर विगेरे सडक ऊपर एकज कंपाउंडमां छे. श्रावकोनां बीनां घर गाममां छे.. ८६ मुलुंड, आ. रो. मा. नं. २० पछी सडकथी नीचे उतरी ल. १ माइल चाली गाममां गया, भांडुपथी रेलनी सड़के मुलुंड जवाथी ०॥ माइल ओछु थाय छे. मुलंडमां शेठ झवेर रामजी तथा शेठ हरगोविंद रामजीना बंगलाओमां उतर्या. झ० रा० ना बंगलामां घरदेरापर छे. देरासर तथा उपाश्रय नवो करवाना छे. .. पाछा त्यांथी पग रस्ते १ माइल जइ आ. रो. ऊपर चड्या मा. नं. ल. २१. आ. रो. मा. नं. २१ अने २२ नी वच्चे आखा हिंदुस्तानमां प्रसिद्ध, सरकारी, गांडाओर्नु होस्पीटाल छे, तेमां ल. ३०० गांडा स्त्री पुरुषो रहे छे. व्यवस्था तथा सगवड घणी सारी छे. ठाणामां जैन धर्मशाला छे. ठाणाथी घोडबंदर थइने मइंदर १४ माइल याय छे सीधो रस्तो छे. ठाणाथी २ माइले भीमडीनी सडक तरफ कच्छी रतनजी प्रेमजी वैष्णवना बंगलामां रात रह्या. ठाणाथी आग्रारोडे भीमडी जतां रस्तामां चार माइले कोलसट पासे खाडी आवे छे ते नावमां बेसीने उतरवी पडी छे, त्यांथी छ माइल भीमडी थाय छे. परंतु ते रस्ते न जतां पाणीना नळने माटे पुल बांधेलो छे ते ऊपर साधुओने चालवा ये छे माटे ते रस्ते जq सारं छे. ते रस्ते जतां ठाणाथी

Loading...

Page Navigation
1 ... 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158