Book Title: Vihar Varnan
Author(s): Jayantvijay
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala

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Page 133
________________ ३४३ बइ, श्रीपार्श्वनाथ भगवान्न तीर्थ छे. धर्मशालाओ बे छे. यात्रालुओने उतरवानी संग वड छे. नवी धर्मशालामां उतर्या. श्रीपार्श्वनाथ भगवान्नी मूर्तिनी पलांठीनी नीचे बन्ने बाजुए विचित्र प्रकारे व्याघ्रनी बे आकृतिओ गोठवेली छे. मूर्ति ऊपर लेख नथी पण मूर्ति प्राचीन जणाय छे श्रावक देवीचंदनी जैन. अहिंथी स्टेशन २ माइल दूर छे. ३४४ कणगेटीमां शेठ हीरालालजी पोरवाळना मकानमां उतर्या. आ० ० १ शेठ हीरा लालनी पारेख पोरवाळ, २ शेठ चंपालालजी पोरवाळ. अहिंना श्रावको भक्तिवाळा छे संप सारो छे अहिंथी बैडीया ३ माइल थाय छे ३४५ जीरणमां देरासरना रंगमंडपर्नु काम बाकी छे कुसंपने लीधे द्रव्य होवा छतां काम अधुरुं पडयुं छे. आ० गृ० १ शेठ ओंकारलालजी चंपालालजी २ चंपालालजी महेता. स्था० वा० नां घर ७ छे अहिं जूनो किल्लो अने बनार छे. ३°४६ छोटीसादरी, उदयपुर स्टेटनु परगणुं छे. गाम प्राचीन छे. बजार छे. सद्गुणप्रसारक जैन मित्रमंडल, जैनपाठशाला अने जैनकन्याशाला छे आ० गृ० १ शेठ चंदनमलनी नागोरी, २ शेठ नानालालजी नागोरी, ३ शेठ मोतीलालजी नागोरी.शेठ चंदनमलजी नागोरीने त्यां पोतानुं प्राइवेट पुस्तकालय छे. स्था० वा० नां घर ३५, दिगं. नां घर २ अने तेमनुं चैत्यालय १ छे. अहिंथी नीमच स्टेशन (काचो रस्तो) मा० १४ थाय छे. नीमचमां श्रा० घर, देरासर विगेरे छे. छोटीसादरीथी देसूरी सुधीमां ज्यां ज्यां ओसवालोनां घरनी संख्या लखी छे लगभग तेओ बधा संवेगी मुनिराजोना विहार तथा उपदेशना अभावथी अने स्थानकवासी साधुओना विचरवायी मूर्तिपूजामां शिथिल थया छे. स्थानकवासी आम्नाय तरफ झुकवा लाग्या छे. साधुओने गोचरी पाणी तो मळी शके छे. ३४७ विनोतामां श्रावकनी दुकानमां उतर्या. देरासरनो जीर्णोद्धार थयो छे, थोडं काम बाकी रही गयुं छे. प्रतिष्ठा थवानी बाकी छे. मददनी अने देखरेखनी जरूर छे. आ. गृ० १ शेठ हीरालालजी ओसवाल, २ शेठ प्रतापमलनी ओसवाल, ओसवालोनां घर २५, दिगं० नां घर १५ अने दिगं० मंदिर १ छे. ३४८ नकुंममां श्रावकनी दुकानमां उतर्या. आ० गृ० १ शेठ ओंकारलालजी धन. राजनी, २ शेठ उदयलालजी दोशी, ओसवालोनां घर. ८. छे. बजार छे. ३४९ मंडफीयामां कीसनलाल छोगालाल अग्रवालना मकानमा उता. देरासरनो जीर्णो

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