Book Title: Vihar Varnan
Author(s): Jayantvijay
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala

Previous | Next

Page 122
________________ ( १०४ ) संग्रह सारो छे. श्री शांतिनाथजीन मंदिर विशाल अने सुंदर छे, तेमां १४-१५ फुट उंची जिनप्रतिमा छे. दि. नी उन्नत दशा छे. आ. गृ. शेठ विनोदीराम बालचंद विगेरे छे. पं. कवि गिरिधर शर्मा अहिं रहे छे.. ३०५ झालरापाटण छावणी, स्टेटनी राजधानी छे. राजदरबार, कोर्ट-कचेरी विगेरे तमाम अहिं छे, शहेर ठीक छे. राज्यमहेल खास जोवालायक छ, राज्यमहेलना दरेके दरेक रूममां पुस्तकोना बे त्रण कबाटो तो खराज, एकंदर आशरे ८५ कबाटो पुस्तकोथी भरपूर छे, आशरे त्रण चार लाख रु. नो खर्च तेमां थयो हशे. ते सिवाय एक पब्लिक पुस्तकालय पण छे. कुलमणि नामना एक विद्वान् सज्जन अहिं रहे छे. उपाश्रय (स्थानक ) मा उता. आ० गृ० शेठ कुशलचंदजी. स्था० वा० नां घर ११ छे. दि० नां घर २० अने मंदिर २ छे. अहिंथी एक पाकी सडक ( मा० ७०) कोटा गइ. ३०६ देवगुराडीया, इंदोर स्टेटनुं नानुं गामडुं छे. शिवमंदिरमा उतर्या. शिवमंदिर विशाल छे. त्यां दर वर्षे मोटो मेळो भराय छे. इंदोरथी बागली-हाटपीपलीया माटे पाकी सडक छे. ३०७ करनावट, ग्वालियर स्टेटनुं गाम छे. श्रावकना घरमां उतर्या. आ. गृ० शेठ ताराचंदजी फतेहचंदनी जैन सज्जन माणस छे. ३०८ हाटपीपलीया, बागली स्टेटनुं गाम छे. धर्मशालामां उता. आ० गृ० शा खुशा लजी केशवजी हस्ते धन्नालालजी. विजयधर्मसूरि जैन पाठशाला छे. स्था० वा० नां घर २० छे. दि. नां घर ३६ अने मंदिरो २ छे. दि. जैन पाठशाला १, कन्याशाला १, गौशाला १, होस्पीताल १ अने धर्मशाला २ छे. धार्मिक विषयमां त्रणे फिरकावाला संपथी वर्ते छे. दि० संप्रदायमां धनाढ्यो छे, तेथी गाममां जैनोनी प्रबलता छे, प्रनामां धार्मिक उत्साह सारो छे. ३०९ बागली, ग्वालियर स्टेट अन्तर्गत नानु स्टेट छे. उपाश्रयमां उतर्या. आ. गृ. शेठ जेठमलजी. स्या. वा. नुं घर १ छे. अहिंना श्रावको भक्तिवाळा छे, संप सारो छे. अहिंना मंदिरमा मूर्ति बहु मनोहर अने चमत्कारी छे.

Loading...

Page Navigation
1 ... 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158