Book Title: Vihar Varnan
Author(s): Jayantvijay
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala

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Page 130
________________ - (११२) ३३५ जावरा, स्टेट छे; स्टेशन, बजार अने डाकबंगलो विगेरे छे. जैन पाठशाला छे. मोटा देरासर पासेना जूना उपाश्रयमां उतर्या अहिं लगभग १२५ घर त्रण थुई आम्नायनां छे, सडक ऊपर तेमनो मोटो उपाश्रय नवो थयो छे. खरतरगच्छ अने तपागच्छनां मळीने चार थुई आम्नायनां घर आशरे २५ छे. त्रण वर्ष ऊपर रतलाममांत्रण थुई-चार थुईमां अने तपागच्छ-खरतरगच्छमां कलेश थयो हतो तेना छांटा आखा मालवामां उड्या छे. परस्पर खेंचाताण अने इर्ष्या खूब वधी छे. छतां तटस्थ साधुओनी साथे तेओ बधा प्रेमभावथी वर्ते छे. रतलाम, जावरा विगेरे बधा गामोना त्रण थुईवाळा अने खरतरगच्छवाळाओए अमारी साथे तो बहुन सारो वर्ताव राख्यो हतो. आ० गृ० १ शेठ नादरजी नथमलजी झवेरी, २ शेठ केशरीमल्लनी कर्णावट. स्था० वा० नां घर ११०, दि. नां घर ३५ अने तेमनां मंदिरो २ छे. श्रीराजेन्द्रसूरिनीए त्रिस्तुति मतनो. प्रारंभ (प्रथम उपदेश) जावरामां को, अहिंथी रीगणोद तीर्थ ( काचो रस्तो) मा० ८ थाय छे. रीगणोदमां मनोहर जिनबिंब जमीनमांथी नीकळेला पछी देरासरमां स्थापन कर्या छे तेथी रांगणोद तीर्थ गणाय छे. त्यां श्रावकनां घर विगेरे छे. उपाश्रयथी नीकळी ल० १ माइल चाली महु-नीमच रोड ऊपर मा० नं० १०१-७ पासे डाकबंगलामां रात रह्या. मा० नं० १०९ पासेथी रीगणोदनी पाकी सडक नवी थाय छे, अहिंथी रीगणोद ५ माइल थाय छे. ३३६ ढोढर, मा० नं० ११०-५ थी सडक छोडी २ फर्लोग काचे रस्ते चाली गाममां गया. श्रावकना घरमां उतर्या. देरासरमां थोडी मरामतनी जरूर छे. स्था० वा. नां ३ घर छे. स्टेशन छे. गामथी काचे रस्ते ल० ०॥ माइल चाली मा० नं० १११-३ पासे पाकी सडके चड्या. पासेज डाकबंगलो छे. ढोढरथी रीगणोद मा० ५॥ अने कच्छनाराथी रीगणोद मा० ९ थाय छे. मंदसोरनी सडक तरफ ढोढरथी ल० ४॥ माइले सडकथी थोडं दूर कच्छनारा गाम आवे छे, त्यां श्रा० घर ५-७, देरासर १ अने उपा० १ छे. त्यांथी त्रण माइल दूर अखीया गाममां दि. नां घर छे. त्यांथी त्रण माइले दलौदा गाम आवे छे, त्यां श्रावकनां घर अने देरासर छे. मा० नं० १२३ पासेथी दलौदा स्टेशन जवानी पाकी सडक ( फर्लाग २) गइ. ३३७ मंदसोर, मा० नं० १३०-२ थी सडक छोडी काचे रस्ते ल० १ माइल चाली

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