Book Title: Vihar Varnan
Author(s): Jayantvijay
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala
________________
( १११ )
ए प्रमाणे रतलाममा कुल १६ देरासरो कही शकाय उपाश्रयो मोटा त्रण छे ते. सिवाय नाना उपाश्रयो पण छे. गुजरातीना उपाश्रयनी पासेज गुजरातीनी एक जैनधर्मशाला छे, तेमां यात्रालुभोने उतरवानी सगवड छे. श्रीआत्मानंद जैनपाठशाला, जैनकन्याशाला अने जैनपुस्तकभंडार छे. रोखवदेवजी केशरीमल्लजीना नामथी संघनी पेढी स्थापन थइ छे. अहिंनो यूवकवर्ग -- साधारण जनता उत्साही अने तटस्थ छे. पण पेढीना कार्यवाहको पक्षपाती होवाथी पेढी स्थापन थइ त्यारथी संघमां कुसंप वध्यो छे. पेढी तरफथी जीर्णोद्धारनुं काम पण उलटी रीते थाय छे, थवं जोइये तेम थतुं नथी, आ० गृ० १ शेठ केशरीमलजी मालवी वकील, २ शेठ केशरीमलजी नाहर मालवामां झघडाल - कदाग्रही साधुओना विचरवाथी त्रण थुई-चार थुईमां; तपागच्छ - खरतरगच्छमां; ओसवाळ - पोरवाळमां अने आपस आपसमा पण कुसंप अने रागद्वेष वध्यो छे, तेने शान्त करवा माटे तटस्थ अने विद्वान् मुनिराजोए मालवामां विचरवानी जरूर छे. श्रावकोए पण कदाग्रह छोडी एक संपी थवानी जरूर छे. स्था० वा० नां घर ३५० अने वे० तेरापंथीनां घर २० छे. दिगं० नां घर १००, मंदिर ३ अने दिगं० जैन बोर्डींग १ छे, रतलामथी काचे रस्ते धामनोद मा० ९ थाय छे अने रतलामथी पाकी सडके नामली ( मा० १० ) थइ धामनोद मा० १६ थाय छे. ' धामनोदथी सेलानानी पाकी सडक ( मा० ३ || ) छे सैलाना, धामनोद अने नामलीमां देरासर अने श्रावकोनां घर विगेरे छे. रतलामथी पाकी सडके जावरा मा० २४ थाय छे, उपाश्रयथी नीकळी लग० १ माइल चाली शेठ मीश्रीमल मथुरालाल जैनना जीनमां रात रह्या. त्यांथी लग० २ माइल चाली महु- नीमचनी पाकी सडके चड्या, मा० नं० ८०-५.
३३३ सेमलीया, श्रीशांतिनाथ भगवानूनुं तीर्थ छे. मा० नं० ८३ - ८४ मी वच्चेथी सडक छोडी काचे रस्ते लग० ४ माइल चाली देरासरनी पासे यतिजी हीरविजयजी रहे छे ते मकानमां उतर्या स्था० वा० नां बे घर छे रतलामथी पाकी सडके नामली स्टेशन माइल १० थाय छे त्यांथी सेमलीया ( काचो रस्तो ) माइल २ थाय छे.
३३४ सरसीमां उपाश्रय पडी गएलो होवाथी श्रावकना घरमां उतर्या. आ० गृ० शेठ खूबचंदजी ओसवाल जैन श्रावको बधा त्रण थुई आम्नायवाळा छे. पण कदाग्रही नथी. स्था० वा० नां बे घर छे.
Page Navigation
1 ... 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158