Book Title: Vihar Varnan
Author(s): Jayantvijay
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala

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Page 115
________________ (९७) २३९ राण(क)पुर, श्रीआदीश्वर भगवान्न तीर्थ छे. जंगलमा भव्य मंदिर छे, धर्मशाला छे. यात्रालुओने सगवड छे. विशेष हकीकत माटे आगळ जुओ. २४० देलवाडा तथा अचलगढ बन्ने तीर्थों आवूना पहाड ऊपर छे. आबूनो पहाड वनस्पतिथी भरेलो, रमणीय अने दर्शनीय छे. बन्ने तीर्थोमां प्राचीन मंदिरो तथा धर्मशालाओ छे, यात्रालुओने सगवड सारी छे. कर्नल टॉड साहेब लखे छे के देलवाडाना मंदिरोनी आखा हिंदुस्तानमां कोइ पण मंदिरो तुलना करी शके तेम नथी. विशेष माटे जूओ राजपुतानेका इतिहास, पहला खंड, पृष्ठ २३ अने १७२ थी १८०. देलवाडाथी थोडे दूर आबू केपमां सरकारी लश्करी छावणी छे. २४१ श्रीअंतरिक्ष पार्श्वनाथजी, प्राचीन तीर्थ छेगामनुं नाम सिरपुर छे. धर्मशाला छे यात्रालुओने सगवड छे. सिरपुरमां दि० नां ५० घर छे. रेल्वे रस्ते आकोलाथी जवाय छे. आकोलामां श्रावकोनां घरो, देरासर, उपाश्रय, धर्मशाला विगेरे छे. २४२ भांडक, श्रीकेशरीया पार्श्वनाथनीनुं न तीर्थ थयुं छे. धर्मशाला छे. यात्रालुओने सगवड छे. २४३ इंचोडामां तामीरातना बंगलामां तथा चावडीमां उतर्या, अहिंथी हैद्राबादनी पाकी सडके चड्या, मा० नं० १६१. २४४ कुल्पाकजी,,श्रीमाणिक्यस्वामीनू तीर्थ छे. धर्मशाला छे. यात्रालुओने सगवड छे. रेल्वे रस्ते मद्रासथी आलेर स्टेशन थइने जवाय छे. २४५ फरकाबादमां जैन श्वेतांबरी मंदिर १ छे. तेनी देखरेख लखनौ वाळा राखे छे. दि० नां ५० घर छे. मोटुं शहेर छे. २४६ कायमगंज, गाम मोटुं छे. दिगंबरीनी वस्ती छे. ठाकुरद्वारामां उतरवार्नु मळे छे. २४७ कंपिलपुर, गाम मोटुं छे. श्रीविमलनाथ भगवान्नां चार कल्याणक अहिं थएलां होवाथी तीर्थ गणाय छे. देरासर रमणीय छे. धर्मशाला सुंदर छे. देखरेख लखनौ वाळा राखे छे. कंपिलपुर खरेखर पवित्र तीर्थभूमिज छे ते आ गामनां खंडेरो' जणावी आपे छे. २४८ अलीगंजमां दि० धर्मशाला छे. स्कूल तथा थाणा पासे श्यामलालनु घर छे ते तथा वेणीराम सारा माणस छे. २४९ अलीगंज अने किन्होर वच्चे काली नदी नावथी उतरवी पडे छे. हनुखेरा घाटे उतर. बीजे रस्ते जवाथी रखडवू पडे छे. किन्होरमां दुर्गाप्रसाद जैनी भक्तिवाला छे. 13

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