Book Title: Veer Vihar Mimansa Author(s): Vijayendrasuri Publisher: Kashiram Saraf ShivpuriPage 17
________________ (ii) Thuna............It was in the Kosala country and belonged to the Mallas, and was once visited by the Buddha. ___Dictionary of Pali Proper Names. vol. I. Page 1042. इनका संक्षिप्त प्राशय यह है कि थूण मल्लदेश में है, पटना के उत्तर-पश्चिम में गएडकी नदी के दायें किनारे पर है। यह थूणार (कुरुक्षेत्र) से भिन्न स्थान है। इस वर्णन से यह निश्चय हो जाता है कि भगवान ने दूसरे वर्षावास से पूर्व जिन स्थानों में विहार किया था, उनमें से एक भी स्थान गुजरात, काठियावाड़ अथवा मारवाड़ की ओर नहीं है अपितु वे सब स्थान पूर्व में ही हैं। . नालन्दा में वर्षावास करने के बाद तीसरा वर्षावास श्री वीरप्रभु ने चम्पो नगरी में किया था । इन दोनों वर्षावासों के बीच कोल्लाग सन्निवेश, सुवर्णखल और ब्राह्मणगांव ये तीन स्थान भगवान के विहार में उल्लिखित हैं । सुवर्णखल को सिरोही के निकट बताया जाता है, पर वह कौन सा गांव है इसका उल्लेख नहीं किया गया । सिरोही से १० मील दूर स्थित ब्राह्मणवाड़ा को ब्राह्मणगांव मान लिया गया है। इस प्रकार भगवान के विहार स्थानों को तो बाबूपर्वत के पास मान लिया गया है, परन्तु जितने वर्षावास के स्थान हैं, वे सब पूर्व की ओर मध्यमदेश अथवा प्राचीन आर्यावर्त में हैं, उने में दूरी भी बहुत हो आती है। मान-चित्र को देखने से प्रतीत होता है कि नालन्दा और चम्पा की दूरी लग. भग १०० मील है और यदि जनश्रुति के आधार पर निर्धारित स्थानों को भगवान के विहार में मान लिया जाय तो नालन्दा से सिरोही ८०० मील से भी अधिक है। इस प्रकार नालन्दा से सिरोही और Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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