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चौबी०
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पूजन
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संग्रह
शिवपुर दो निजवास में ॥ ॐ ह्रीं श्री कुंथुनाथ जिनेंद्राय वैशाख शुक्ल प्रतिपदा मोक्ष कल्याण . प्राप्ताय अर्घ निर्वपामीति स्वाहा ॥
... अथ जयमाला। दोहा। कीडीकुंजर कुंथवा, सब जीवन रछपाल । कुंथुनाथ पद नमन कर बर तिन गणमाल ॥१॥ - छंद पद्धड़ी-जय जय श्रीकुंथु जिनंद चंद, जय जय श्रीभानु नरेन्द्र नंद । उपजे गजपुर नगरी मझार, लीजे स्वामी मो को उबार ॥२॥जय काम रूप शोभा अमान, जय भव्य कमल को रवि समान । जय अजर अमर पद देनहार, लीजे स्वामी मो को उबार ॥३॥ चय चक्रवर्ति पद को लहाय, जय नव निधि चौदह रतन पाय । सिर नावत नृप बत्तिस हजार, लीजे स्वामी मो को उबार। ॥ ४ ॥ जय नार छानवें सहस जोय, जय रूप लखे रवि थकित होय । इत्यादि सौज शोभे अपार, लीजे स्वामी मा को उबार ॥ ५॥ जय भोगन बर्ष गये महान, जय सवा इकत्तर सहसजान, कछु कारण लख संवेग धार, लीजे स्वामी मो को उबार ॥६॥ जय गजपुर नग्री तज दयाल, जय सिद्धन को कर नमन भाल । जय तज दीने सब ही सिंगार,लीजे. स्वामी मोको उबारा जय पंच महाव्रत धरण धीर, जय मन परजय पायो गहीर । जय षष्ठम को शुभ नेमधार, लीजे स्वामी मो को उबार जय मंदिरपुर में दत्तराय, जय तिन घर पारण को कराय। जय पंचाश्चर्यभये अपार, लीजे स्वामी