Book Title: Varttaman Chaturvinshati Jina Pooja
Author(s): Bakhtavarsinh
Publisher: Bakhtavarsinh
View full book text
________________
पूजन संग्रह
चौबी० २१ अथ श्रीनमिनाथजिन पूजा प्रारभ्यते ॥
(वखतावरसिंहकृत) अडिल। .. स्थापना-अपराजित तज नाथ नगर मिथिला सही। विजियारथ के नंद मात विप्रा लही।
· पंदरे धनुष प्रमाण हेम तन पाय जी। हम पूजें मन लाय तिष्ठ इत आय जी॥१॥ रों ह्रीं श्रीनमिनाथ जिनेन्द्र अत्रावतराऽवतर संवौषट् आह्वाननम् । ॐ ह्रीं श्रीनमिनाथ जिनेन्द्र अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठाठः स्थापनम्। ओं ह्रीं श्रीनमिनाथ जिनेन्द्र अत्र मम संन्निहितो भवभव वषट् संन्निधी करणम् ॥
., अ अष्टक। अडिल । जल-हिमवन शैल उतंग थकी गंगापरी। ताको शीतल वारि कनक झारी भरी ॥ पूजा श्रीन मिनाथ
चरणकी कीजिये। लखचौरासीयोन जलांजलि दीजिये ॥ोंह्रीं श्रीनमिनाथ जिनेन्द्रायगर्भ,जन्म, .. तप,ज्ञान, निर्वाण पंचकल्याण प्राप्ताय जन्ममृत्युजरा रोग विनाशनाय जलं निर्वपामीतिस्वाहा। चंदन-चंदन अर कर्पूर सु कुंकुम सानके । चरचं चरण सरोज हरष उर आन के ॥ पूजा श्रीनमिनाथ
चरण की कीजियोलख चौरासी योनजलांजलि दीजिये॥ॐ ह्रीं श्रीनमिनाथ जिनेन्द्रायगर्भ,जन्म,

Page Navigation
1 ... 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245